West Bengal: पश्चिम बंगाल नौकरी घोटाला मामले में सीबीआई ने की 1,814 अवैध भर्तियों की पहचान
(Photo Credits Twitter)

कोलकाता, 26 जुलाई : पश्चिम बंगाल नगरपालिका नौकरी घोटाला मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पश्चिम बंगाल की 15 विभिन्न नगर पालिकाओं में 1,814 अवैध भर्तियों की पहचान की है. ये सभी भर्तियां 2014 से आउटसोर्स की गई एजेंसी एबीएस इन्फोजोन प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से की गई थीं, जिसका स्वामित्व निजी प्रमोटर अयान सिल के पास है. वह स्कूल की नौकरी के लिए करोड़ों रुपये की नकदी मामले में पहले से ही न्यायिक हिरासत में है.

सूत्रों ने बताया कि राज्य में कुल 17 नगर पालिकाएं सीबीआई जांच के दायरे में हैं और केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने 15 शहरी नगर निकायों में अवैध भर्तियों की पहचान की है. उत्तर 24 परगना जिले में पानीहाटी और टाकी नगरपालिकाओं में सीबीआई अवैध भर्ती के एक भी मामले का पता नहीं लगा पाई है. सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने हाल ही में कोलकाता की एक विशेष अदालत में इस संबंध में ब्यौरा प्रस्तुत किया है. यह भी पढ़ें : Jharkhand Assembly: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन BJP विधायकों का CM हेमंत सोरेन के खिलाफ प्रदर्शन

सूत्रों ने बताया कि 15 नगर पालिकाओं में से अनियमित भर्तियों की संख्या दक्षिण दमदम नगर पालिका में सबसे अधिक रही. यहां से 329 भर्तियां की गईं. इसके अलावा उत्तर 24 परगना जिले के कामराहाटी, बारानगर और टीटागढ़ में भी सबसे ज्‍यादा भर्तियां की गई हैं. जांच से पता चला कि कई नगर पालिकाओं में विभिन्न पदों के लिए नकदी लेकर भर्तियां की गईं, जिनमें चिकित्सा अधिकारी, वार्ड मास्टर, क्लर्क, ड्राइवर, हेल्पर और सफाई सहायक आदि शामिल थे.

हाल ही में सीबीआई ने अपनी जांच के दौरान तीसरे पक्ष का भी खुलासा किया है, जिसमें कम से कम 25 बैंक खातों का पता लगाया गया है. इन सभी खातों का इस्‍तेमाल गलत तरीके से अर्जित आय को रखने के लिए किया गया था. इन बैंक खातों की बारीकी से जांच करने पर पता चला कि इन खातों में मोटी राशि जमा की गई, बाद में जिन्‍हें निकाल लिया गया. हाल ही में सीबीआई के वकील ने विशेष अदालत को बताया कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने नगर निगमों में भर्ती मामले की जांच करते हुए 42 स्थानों पर छापेमारी की थी, जहां से उन्होंने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए थे.