Weather Update: प्रदूषण और मौसम ने बिगाड़ रखी है सेहत, 15 से 20 प्रतिशत लोग सांस की बीमारी से हो रहे अस्पताल में भर्ती

बच्चे हों, बूढ़े हों या जवान, इस बार सब की सेहत हो रही है खराब. इस बार अगर सर्दी जुकाम हो रहा है तो वह ठीक होने का नाम ही नहीं ले रहा है. चाहे जितनी दवाई आप करवा ले और सबसे बड़ी बात है कि डॉक्टर भी इस बात से हैरान हैं.

cold (Photo Credits: PTI)

नोएडा, 11 जनवरी : बच्चे हों, बूढ़े हों या जवान, इस बार सब की सेहत हो रही है खराब. इस बार अगर सर्दी जुकाम हो रहा है तो वह ठीक होने का नाम ही नहीं ले रहा है. चाहे जितनी दवाई आप करवा ले और सबसे बड़ी बात है कि डॉक्टर भी इस बात से हैरान हैं. फीवर या सर्दी जुखाम जो महज 3 से 5 दिनों के अंदर ठीक हो जाए करता था. वह लंबे समय तक बना हुआ है. बढ़ते प्रदूषण के चलते लोग लंबे समय तक बीमार पड़ रहे हैं. अस्पताल में पहुंचने वाले लोगों की संख्या भी करीब 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ गई है. जिनको इस प्रदूषण से सांस लेने में दिक्कत हो रही है और तरह-तरह की बीमारियों का लोग सामना कर रहे हैं.

इस मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी काफी सतर्क और चिंतित है. स्वास्थ विभाग और जिला गौतम बुध नगर के अधिकारी डॉ चंदन के मुताबिक बढ़ता प्रदूषण और ठंड इस समय 10 साल से कम उम्र के बच्चों और 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए काफी घातक साबित हो रहा है. उन्होंने आईएएनस से खास बातचीत करते हुए बताया कि पोलूशन के चलते हैं काफी ज्यादा संख्या में लोग सांस की बीमारी से परेशान हैं और प्राइवेट और सरकारी अस्पताल में अपना इलाज करवाने पहुंच रहे हैं. उन्होंने इसके लिए तीन कारण साफ तौर पर बताए हैं, उनका कहना है कि जो भी लोग सुबह और शाम काम पर अपने घर से निकल रहे हैं. यह बढ़ता प्रदूषण उनके लिए काफी गंभीर बन रहा है. यह भी पढ़ें : Weather Update: उत्तर भारत में अगले चार दिनों तक शीत लहर से राहत, घना कोहरा रहेगा बरकरार

इसके साथ-साथ जिनकी इम्यूनिटी काफी लो है, उनको भी प्रदूषण के चलते काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ जो लोग पहले से कई बीमारियों से ग्रसित हैं, वह भी काफी परेशान है और प्रदूषण उनके लिए भी उनकी बीमारी को बढ़ाने का एक बड़ा कारण बनता नजर आ रहा है. अगर बढ़ते प्रदूषण और ठंड की बात की जाए तो आने वाले समय में यह सती और भी खतरनाक होने वाली है मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों में ठंड और भी ज्यादा बढ़ेगी और पारा और भी ज्यादा कम होगा जिसके बाद लोगों को सांस संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा.

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