Monsoon 2021: कोरोना के कहर के बीच आई राहतभरी खबर, इस साल देश में अच्छा रहेगा मानसून, IMD ने की सामान्य बारिश की भविष्यवाणी
मानसून (File Photo)

नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण की दूसरी लहर भारत में बहुत भयानक होती जा रही है. देश में लगातार दूसरे दिन कोरोना के 2 लाख से ज्यादा मामले देखने को मिले हैं, जबकि 1,185 कोरोना मरीजों ने दम तोड़ा है. इस बीच एक राहतभरी खबर आई है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने इस साल मानसून (Monsoon 2021) के सामान्य रहने का अनुमान जताया है. वैज्ञानिकों ने भारतीय मानसून के समय का पूर्वानुमान लगाने के लिए नई प्रणाली विकसित की

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने जून से सितंबर के बीच मानसून के मौसम में 'सामान्य' बारिश की भविष्यवाणी की है. एक वर्चुअल ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन ने कहा कि मानसून की लंबी अवधि का औसत (एलपीए) 98 प्रतिशत होगा, जो सामान्य श्रेणी में आता है.

राजीव ने कहा, "यह सभी के लिए अच्छी खबर है क्योंकि इस साल मानसून सामान्य रहने की उम्मीद है." मॉनसून सीजन तब शुरू होता है जब दक्षिण-पश्चिम मानसून पहली बार केरल के दक्षिणी सिरे से टकराता है, आमतौर पर जून के पहले हफ्ते में और राजस्थान से सितंबर तक पीछे हट जाता है.

इससे पहले मौसम संबंधी पूर्वानुमान व्यक्त करने वाली निजी एजेंसी ‘स्काइमेट वेदर’ ने कहा कि जून से सितंबर के दौरान देश में 75 प्रतिशत से अधिक वर्षा का योगदान देने वाला दक्षिण-पश्चिम मानसून इस साल सामान्य रहेगा. भौगोलिक जोखिम के आधार पर उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के कुछ हिस्सों के साथ उत्तरी भारत में इस मौसम में कम बारिश होने की भी आशंका है.

स्काइमेट वेदर के अध्यक्ष (मौसम विज्ञान) जी पी शर्मा ने कहा कि जून से सितंबर के दौरान वर्षा का दीर्घावधि औसत (एलपीए) 103 प्रतिशत रहेगा. इसमें चूक की संभावना पांच प्रतिशत अधिक या कम की है. उन्होंने कहा कि ‘सामान्य’ मानसून रहने की 60 प्रतिशत संभावना है और ‘सामान्य से ज्यादा’ बारिश की 15 प्रतिशत संभावना है. स्काइमेट ने कहा कि मासिक आधार पर जून में 106 प्रतिशत वर्षा जबकि जुलाई में 97 प्रतिशत वर्षा की संभावना है. अगस्त और सितंबर में 99 प्रतिशत और 116 प्रतिशत बारिश का अनुमान है.

दीर्घावधि औसत के हिसाब से 96-104 प्रतिशत के बीच मानसून को सामान्य माना जाता है और 103 प्रतिशत वर्षा सामान्य रेंज में सबसे अधिक औसत है. लगातार तीसरे वर्ष 2021 में अच्छे मानसून की संभावना जताई गई है. भारत में पिछले दो वर्षों में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गयी थी.