मुख्यमंत्रियों से बोले पीएम मोदी- जनता को बिना पैनिक किए COVID-19 पर करें प्रहार, ‘सेकंड पीक’ रोकने के लिए तत्काल लें एक्शन
पीएम मोदी (Photo Credits: PIB)

नई दिल्ली: देश में एक बार फिर कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने आज (17 मार्च) सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक की है. इस दौरान पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें कोरोना की इस उभरती हुई "सेकंड पीक" को तुरंत रोकना होगा. इसके लिए हमें त्वरित और निर्णायक कदम उठाने होंगे. उन्होंने कहा “कोरोना की लड़ाई में हम आज जहां तक पहुंचे हैं, उससे आया आत्मविश्वास, लापरवाही में नहीं बदलना चाहिए. हमें जनता को पैनिक मोड में भी नहीं लाना है और परेशानी से मुक्ति भी दिलानी है. Coronavirus Update: भारत में दर्ज हुए कोविड के करीब 29 हजार नए मामले, 61 फीसदी महाराष्ट्र से

राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि ‘टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट’ को लेकर भी हमें उतनी ही गंभीरता की जरूरत है जैसे कि हम पिछले एक साल से करते आ रहे हैं. हर संक्रमित व्यक्ति के संपर्क को कम से कम समय में ट्रैक करना और RT-PCR टेस्ट रेट 70 प्रतिशत से ऊपर रखना बहुत अहम है. हमें छोटे शहरों में टेस्टिंग को बढ़ाना होगा. हमें छोटे शहरों में "रेफरल सिस्टम" और "एम्बुलेंस नेटवर्क" के ऊपर विशेष ध्यान देना होगा.

उन्होंने कहा “दुनिया के अधिकांश कोरोना प्रभावित देश ऐसे हैं जिन्हें कोरोना की कई वेव का सामना करना पड़ा. हमारे देश में कुछ राज्यों में मामले कम होने के बाद अचानक से बढ़ने लगे हैं. महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट बहुत ज़्यादा है. देश के 70 ज़िलों में तो पिछले कुछ हफ़्तों में ये वृद्धि 150% से भी ज़्यादा है. अगर हम इस बढ़ती हुई महामारी को यहीं नहीं रोकेंगे तो देशव्यापी आउटब्रेक की स्थिति बन सकती है. हमें जल्दी और निर्णायक कदम उठाने होंगे.”

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में वैक्सीनेशन की गति लगातार बढ़ रही है. हम एक दिन में 30 लाख लोगों को वैक्सीनेट करने के आंकड़े को भी पार कर चुके हैं. लेकिन इसके साथ ही हमें वैक्सीन खराब होने की समस्या को बहुत गंभीरता से लेना है. उन्होंने कहा कि हमें वैक्सीन डोज व्यर्थ होने की समस्या को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में वैक्सीन वेस्टेज 10 फीसदी से ज़्यादा है और उत्तर प्रदेश में भी वैक्सीन वेस्टेज करीब इतना ही है. वैक्सीन वेस्टेज की राज्यों में समीक्षा होनी चाहिए.

प्रधानमंत्री ने आगे कहा “ये मंथन का विषय है कि आखिर कुछ क्षेत्रों में ही टेस्टिंग और वैक्सीनेशन कम क्यों हो रहा है. हमें जहां जरूरी हो माइक्रो कंटेनमेंट ज़ोन बनाने के विकल्प पर भी काम करना चाहिए. केरल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और यूपी जैसे कई राज्यों में रैपिड एंटीजन टेस्टिंग पर ही ज़्यादा बल दिया जा रहा है और उसी भरोसे गाड़ी चल रही है. हमें देश के सभी राज्यों में आरटी-पीसीआर टेस्ट बढ़ाने पर जोर देना होगा.”