लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की फाजिलनगर विधानसभा सीट से हारने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) कहा कि हमेशा बड़ा तो नेवला ही होता है. यह बात अलग है कि नाग और सांप दोनों ने मिलकर नेवले को जीतने नहीं दिया. चुनावी हार के बाद कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप ; मुख्यमंत्री ममता का भाजपा विरोधी गठबंधन पर जोर
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी हार स्वीकार करते हुए कहा कि मैं चुनाव हारा हूं. हिम्मत नहीं. मौर्या ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमने जिन मुद्दों को उठाया वो अब भी मौजूद हैं. मैं आगे भी जनता के मुद्दे उठाता रहूंगा. मौर्य ने कहा कि हम जनता के फैसले का सम्मान करते हैं और जनादेश को स्वीकार करते हैं.
योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद ने सियासी रणनीति के तहत चुनाव से ठीक पहले न सिर्फ पार्टी बदली, बल्कि अपनी परंपरागत सीट पडरौना छोड़कर फाजिलनगर से चुनाव मैदान में उतरे. यहां उन्हें भाजपा के सुरेंद्र कुमार कुशवाहा ने पराजित किया. स्वामी की हार में सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष इलियास अंसारी का बागी होना मुख्य वजह माना जा रहा है. स्वामी के सहारे चुनावी वैतरणी पार करने वाले कई नेताओं को टिकट तो दिया गया, लेकिन नामांकन के बाद उन्हें मैदान से वापस होना पड़ा.
#WATCH हमेशा बड़ा तो नेवला ही होता है। यह बात अलग है कि नाग और सांप दोनों ने मिलकर नेवले को जीतने नहीं दिया: अपने पुराने बयान पर बोलते हुए समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य, लखनऊ, उत्तर प्रदेश pic.twitter.com/Y0IYCnRBSV
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 11, 2022
स्वामी प्रसाद मौर्य ने चुनाव से ठीक पहले मंत्री पद से इस्तीफा देते हुए भाजपा छोड़ दी थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि पार्टी में दलितों, पिछड़ों के हितों की अनदेखी की गई. मौर्य ने सपा में शामिल हो गए थे. उन्हें कुशीनगर जिले के फाजिल नगर से टिकट दिया गया था. गुरुवार को घोषित नतीजों में स्वामी प्रसाद मौर्य 26 हजार वोटों से चुनाव हार गए. उन्हें भाजपा के सुरेंद्र कुशवाहा ने हराया है.