पुलिस मुठभेड़ में मारे गए दुर्दांत अपराधी विकास दुबे का शुक्रवार को कानपुर नगर के भैरव घाट विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार कर दिया गया. इससे पहले, डॉ. आरसी गुप्ता की देखरेख में विकास का पोस्टमार्टम किया गय. लम्बे इंतजार तक कोई रिश्तेदार उसका शव लेने नहीं आया लेकिन तभी पुलिस उसके किसी बहनोई को लेकर आई, जो एम्बुलेंस के साथ भैरव घाट पहुंचा. भैरव घाट पर कई महिलाएं भी पहुंची थी। कहा जा रहा है कि पुलिस विकास की पत्नी और बेटे को भी लेकर आई थी। मां ने पोस्टमार्टम केंद्र पर आने से इंकार कर दिया था लेकिन वह भी अंतिम संस्कार के वक्त मौजूद रही.
हालांकि परिवार के किसी सदस्य ने कोई बयान नहीं दिया। सबके चेहरे ढके हुए थे. विकास का अंतिम संस्कार काफी फौरी तौर पर निपटा दिया गया क्योंकि विद्युत शवदाह गृह में उसके शव को जलाया गया. विकास को अंतिम मुखाग्नि उसके बहनोई ने दिया, जो चौबेपुर के शिवली गांव का बताया जा रहा है. बेटे ने मुखाग्नि क्यों नहीं दी, पुलिस ने भी इस बारे में कुछ नहीं कहा.
कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से कानपुर लेकर आ रहे उत्तर प्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) दल ने शहर से लगभग 18 किलोमीटर दूर बारा पुलिस ने भौती के पास मार गिराया था. विकास सड़क दुर्घटना का फायदा उठाकर एक पुलिसवाले की पिस्टल छीनकर भागने के प्रयास में था.