बैंकों का 9 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज लेकर फरार हुए भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) के प्रत्यर्पण मामले की अहम सुनवाई सोमवार को ब्रिटेन (Britain) में होनी है. इस दौरान सभी की निगाहें इस सुनवाई के फैसले पर होगी कि आखिर माल्या का ब्रिटेन से भारत प्रत्यर्पण होगा या नहीं. सूत्रों की मानें तो इस सुनवाई में भारत को बड़ी कामयाबी भी मिलने की संभावना जताई जा रही है. वहीं दूसरी ओर माल्या को भी फैसले का डर भी सताने लगा है. एक ओर माल्या जहां साफ कर चुका है कि वह सभी बकाया राशि चुकाना चाहता है. वहीं दूसरी ओर माल्या ने कहा कि निष्पक्ष सुनवाई की कमी मेरा सबसे बड़ा डर है.
माल्या ने कहा, 'मैंने कर्नाटक हाई कोर्ट को अपनी 14,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों का ब्योरा दिया था. मैंने गुजारिश की थी अदालत की निगरानी में इन संपत्तियों को बेचा जाए. अदालत सभी कर्जदाताओं और कर्मचारियों को होने वाले भुगतान का फैसला कर सकती है. मेरे पास पर्याप्त पैसे थे.' यह भी पढ़ें- मोदी सरकार की कार्रवाई के बाद बदले माल्या के सुर, कहा- लोन चुकाने को हूं तैयार
भारत आने पर अपने डर को जाहिर करते हुए माल्या ने कहा कि "'राजनीति से प्रेरित मामले में निष्पक्ष सुनवाई की कमी मेरा सबसे बड़ा डर है. राजनेता मुझे कई नए अपराधों का आरोपी बना देंगे." माल्या ने कहा कि अपनी छवि और मीडिया में मौजूदगी की वजह से मैं बैंक डिफॉल्ट का पोस्टर बॉय बन गया.
विजय माल्या ने कहा कि सरकार ने एक तरफ बैंकों को कहा था कि मेरी पेशकश को स्वीकार न करें, वहीं दूसरी तरफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) को मेरी संपत्तियों को जब्त करने को कहा गया था. मैं उस धारणा को दुरुस्त करना चाहता हूं कि मैंने सरकारी धन की चोरी की और देश छोड़कर भाग गया. माल्या ने कहा मैंने किंगफिशर एयरलाइंस को बचाने के खुद का 4,000 करोड़ रुपये लगाया. बैंक 100 प्रतिशत मूलधन ले लें ताकि जनता के धन को कोई नुकसान न हो. माल्या ने ब्याज पर राहत देने की मांग की है माल्या ने कहा कि अदालत ब्याज पर कोई स्वतंत्र अदालत फैसला करे.'
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कारोबारी विजय माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के लिए मुंबई की एक अदालत में चल रही कार्यवाही को चुनौती देने वाली उसकी याचिका पर 7 दिसंबर को को प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी किया था.