Champai Soren Takes Oath as CM: झारखंड में हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद नए मुख्यमत्री के रूप में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन के नेता चंपई सोरेन ने शपथ ली. राजभवन में राज्यपाल ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाई. वहीं इससे पहले चंपई सोरेन ने सरकार गठन के लिए राज्यपाल से समय मांगा था. समय मिलने केबाद चंपई सोरेन शुक्रवार को राजभवन पहुचकर सीएम पद की शपथ ली.
गौरतलब है कि ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद हेमंत सोरेन ने बुधवार की रात करीब साढ़े आठ बजे सीएम पद से इस्तीफा दिया था.इसके तुरंत बाद चंपई सोरेन ने 43 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र राज्यपाल को सौंपकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था. उन्होंने कहा था कि हमें कुल 47 विधायकों का समर्थन हासिल है. यह भी पढ़े: SC refuses to hear Hemant Soren’s Plea: हेमंत सोरेन को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से किया इनकार
चंपई सोरेन बने झारखंड के नए सीएम:
#WATCH | JMM vice president Champai Soren takes oath as the Chief Minister of Jharkhand, at the Raj Bhavan in Ranchi.
This comes two days after Hemant Soren's resignation as the CM and his arrest by the ED. pic.twitter.com/WEECELBegr
— ANI (@ANI) February 2, 2024
जानें कौन है चंपई सोरेन:
चंपई सोरेन हेमंत सोरेन की सरकार में परिवहन मंत्री थे। 68 वर्षीय चंपई कोल्हान प्रमंडल के सरायकेला विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं। वह हेमंत सोरेन के सबसे विश्वस्त माने जाते रहे हैं. चंपई सोरेन झामुमो के सुप्रीमो शिबू सोरेन के अनन्य सहयोगी रहे हैं। कई मौकों पर सीएम हेमंत सोरेन को इनका पैर छूते हुए भी देखा गया है. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि झामुमो में इनकी अहमियत कितनी है.
चंपई सोरेन को लोग झारखंड टाइगर के नाम से भी बुलाते हैं:
चंपई सोरेन को लोग झारखंड टाइगर के नाम से भी बुलाते हैं।. चंपई ने 1991 में पहली बार सरायकेला विधानसभा क्षेत्र के लिए हुए उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की थी। वो जीत इसलिए बड़ी थी, क्योंकि इन्होंने कद्दावर झामुमो सांसद कृष्णा मार्डी की पत्नी को हराया था। बाद में 1995 में झामुमो के टिकट पर जीत हासिल की. लेकिन वर्ष 2000 में बीजेपी के अनंतराम टुडू से चुनाव हार गए थे.
इसके बाद वर्ष 2005 से लगातार सरायकेला से विधायक रहे हैं. 2019 में इन्होंने भाजपा के गणेश महली को हराया था. चंपई सोरेन का जन्म सरायकेला के जिलिंगगोड़ा में 1956 में सेमल सोरेन और माधव सोरेन घर हुआ. अपने तीन भाइयों और एक बहन में ये सबसे बड़े हैं. शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो ये मैट्रिक पास हैं. इनकी शादी मानको सोरेन से हुई है और इनके चार बेटे और तीन बेटियां हैं
(इनपुट एजेंसी के साथ)