मुस्लिम महिलाओं ने मोदी सरकार से किया ट्रिपल तलाक और हलाला खत्म करने का आग्रह
एक पीड़ित महिला सबीना ने सरकार से ट्रिपल तलाक और हलाला के खिलाफ कड़ा कानून बनाने की मांग की. सबीना ने कहा, 'इन परंपराओं के जरिये समाज में केवल महिलाओं का शोषण ही हो रहा है.
लखनऊ: देश के सर्वोच्च न्यायलय सुप्रीम कोर्ट ने भले ही ट्रिपल तलाक को अवैध करार दिया हो मगर आज भी तीन तलाक के मामलों में कोई कमी नहीं आई है. इसी को लेकर सोमवार को उत्तर प्रदेश के बरेली में पीड़ित 35 महिलाओं ने सरकार से इन प्रथाओं को खत्म करने के लिए कड़े कदम उठाने को कहा. मुस्लिम महिलाओं ने सरकार से आग्रह किया कि वह जल्द से जल्द ट्रिपल तलाक और हलाला के खिलाफ सख्त से सख्त कानून बनाएं.
एक पीड़ित महिला सबीना ने सरकार से ट्रिपल तलाक और हलाला के खिलाफ कड़ा कानून बनाने की मांग की. सबीना ने कहा, 'इन परंपराओं के जरिए समाज में केवल महिलाओं का शोषण ही हो रहा है. मैंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, हम न्याय चाहते हैं.’ ख़बरों के अनुसार सबीना को उसके पति ने साल 2011 में तलाक दे दिया था.
ज्ञात हो कि शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने भी कुछ समय पहले निकाह हलाला प्रथा को तुरंत खत्म करने की वकालत की थी. बता दें कि निकाह हलाला के अंतर्गत, अगर तीन तलाक दी गई मुस्लिम महिला अपने पति के पास वापस जाना चाहती है, तो उसे एक अन्य मर्द से शादी करनी होगी, फिर उसे तलाक देना होगा और उसके बाद ही वह अपने पहले पति से शादी कर सकती है.