नई दिल्ली: मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. इस बीच सोमवार (31 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट में मणिपुर में महिलाओं के साथ अभद्रता मामले में सुनवाई होगी. मणिपुर वायरल वीडियो मामले में दोनों पीड़ित महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले में दखल की मांग की है. 4 मई को हुई यौन उत्पीड़न की घटना से जुड़ी एफआईआर को लेकर याचिका दायर की गई है. पीड़ित महिलाओं ने मणिपुर सरकार और केंद्र के खिलाफ याचिका दाखिल की है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने मणिपुर का मुद्दा आएगा. इंफाल में मणिपुरी युवाओं ने मिजोरम के CM ज़ोरमथांगा का पुतला फूंका.
पिछले दिनों वायरल हुए यौन हिंसा के वीडियो (Manipur Viral Video) में दिखने वाली महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. याचिका में पीड़ित महिलाओं ने मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित किए जाने की मांग उठाई है. दरअसल हिंसा प्रभावित मणिपुर में 4 मई का एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामने आने के बाद तनाव बढ़ गया, जिसमें कुकी समुदाय की दो महिलाओं को मैतेई पुरुषों द्वारा नग्न अवस्था में घुमाते हुए दिखाया गया है.
इससे पहले 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र व राज्य सरकार को निर्देश जारी किए थे. अदालत ने यह भी कहा था कि अगर सरकार कुछ नहीं करती तो उसे दखल देना पड़ेगा. जिसके जवाब में केंद्र ने कहा था कि मामले की जांच CBI को दे दी गई है.
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.