शिकागो: उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि कुछ लोग हिंदू शब्द को ‘‘अछूत’’ और ‘‘असहनीय’’ बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने हिंदू धर्म के सच्चे मूल्यों के संरक्षण की जरूरत पर जोर दिया ताकि ऐसे विचारों और प्रकृति को बदला जा सके जो ‘‘गलत सूचनाओं’’ पर आधारित हैं. यहां दूसरी विश्व हिंदू कांग्रेस को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि भारत सार्वभौमिक सहनशीलता में विश्वास करता है और सभी धर्मों को सच्चा मानता है.
हिंदू धर्म के अहम पहलुओं को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘साझा करना और ‘‘ख्याल रखना’’ हिंदू दर्शन के मूल तत्व हैं. वेंकैया नायडू ने अफसोस जताया कि (हिंदू धर्म के बारे में) काफी गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं.
आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने हिंदुओं से एकजुट होने का किया था आह्वान
कुछ दिनों पहले आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने शिकागो में कहा था कि हिंदू किसी का विरोध नहीं करते और न ही वर्चस्व की इच्छा रखते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि समुदाय को सदियों की पीड़ा को समाप्त करने के लिए संगठित होने की जरूरत है. यहां दूसरे विश्व हिंदू कांग्रेस में उन्होंने कहा कि विश्व को एकजुट करने की चाबी अहंकार को नियंत्रित करना और मतैक्य को स्वीकार करना है. हिंदुओं से एकजुट होने का आह्वान करते हुए कहा, "हिंदुओं का एकसाथ आना एक मुश्किल कार्य है. ( एजेंसी इनपुट )