उत्तराखंड सरकार ने कोरोना को महामारी घोषित कर दिया है. राज्य मंत्रिमंडल की शनिवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया. शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र सहित राज्य के सभी कॉलेज, सिनेमाघर और मल्टीप्लेक्स 31 मार्च तब बंद रहेंगे. लेकिन मेडिकल कॉलेज खुले रहेंगे. वहीं राज्य में आइसोलेशन वार्ड के लिए 50 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं. उन्होंने बताया कि जरूरत पड़ने पर निजी भवनों का भी अस्पताल की तरह उपयोग किया जा सकेगा. बसों में सेनिटेशन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही प्रदेशभर में कोरोना से बचाव के मद्देनजर सावधानी, सतर्कता व जागरूकता पर जोर दिया गया है.
मंत्री ने कहा कि मॉल पर फिलहाल निर्णय नहीं हुआ है. किसी भी प्रकार के कार्यक्रम से पहले सरकार से अनमुति लेनी जरूरी होगी. कोरोना को देखते हुए नर्सिग स्टाफ के खाली पद भरे जाएंगे. सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अतिरिक्त पद सृजित किए जाएंगे. बसों में सेनिटेशन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. गौरतलब है कि कोरोना वायरस के चलते राज्य सरकार पहले ही तमाम बड़े आयोजन रद्द कर चुकी है. विद्यालयों में 31 मार्च तक अवकाश घोषित किया गया है और सचिवालय समेत सरकारी कार्यालयों में बायोमीट्रिक हाजिरी पर रोक लगाई जा चुकी है.
कोरोना की आशंका के चलते दो ट्रेनी आईएफएस समेत छह और मरीजों के सैंपल शनिवार को जांच के लिए हल्द्वानी स्थित वायरोलॉजी लैब भेजे गए हैं. इस जिले से शनिवार तक 20 सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं. अब तक 11 संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर सतर्कता बरत रहे प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार विभिन्न अस्पतालों और संस्थानों से संपर्क कर रही हैं.
लोक प्रशासन अकादमी के 62 प्रशिक्षु आईएफएस के अलग-अलग ग्रुप पिछले दिनों विभिन्न देशों से ट्रेनिंग टूर से लौटे थे. सभी की स्क्रीनिंग करने के बाद शुक्रवार को चार प्रशिक्षु आईएफएस के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे.