लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) में तैनात एक होम गार्ड को समलैंगिक होने के चलते नौकरी से निकाल दिया गया था. जिसके बाद पीड़ित खुद के न्याय के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से न्याय का गुहार लगते याचिका दायर किया था. जिस याचिका पर कोर्ट सुनवाई करते हुए हुए होम गार्ड को फिर से नौकरी पर बहाल करने के आदेश दिए है. वहीं कोर्ट के इस आदेश के बाद नौकरी पर लौटने को होम गार्ड ने खुशी जाहिर की है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट मामले की सुनवाई करते हुए कहा, एलजीबीटी समुदाय के सदस्यों द्वारा आपसी स्नेह का सार्वजनिक प्रदर्शन जब तक अभद्रता की श्रेणी में न हो या पब्लिक ऑर्डर को प्रभावित न करे, तब तक उसे गलत नहीं ठहरा सकते. इसलिए पीड़ित को नौकरी पर फिर से बहल किया जाए. यह भी पढ़े: Section 377: समलैंगिक संबंध अपराध नहीं- सुप्रीम कोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का हवाला देते हुए होम गार्ड को नौकरी पर बहाल करने का आदेश दिया. जिसमें कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति को अपने साथी को चुनने का हक है, अगर उसकी पसंद को कोई नहीं मानता है तो ये उसकी निजता के क्षेत्र में हनन माना जाएगा.
बता दें कि होमगार्ड उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में तैनात था. उसका साल 2019 में होमगार्ड का एक अपने समलैंगिक साथी के साथ वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद जिला कमांडेंट होमगार्ड ने उसे नौकरी से निकाल दिया था. जिसके बाद से वह अब तक नौकरी पर नहीं था.