UP: सीएम योगी आदित्यनाथ ने COVID की तीसरी लहर से लेकर बाढ़ तक के लिए तैयारी करने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की लगातार कोशिशों से उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कोरोना महामारी की दूसरी लहर की स्थिति नियंत्रण में है. संक्रमण दर न्यूनतम स्थिति में है. वर्तमान में 2,796 कोरोना मरीज उपचाराधीन हैं. प्रदेश में कोरोना से स्वस्थ हुए लोगों की संख्या 16 लाख 80 हजार 720 हो चुकी है.

सीएम योगी आदित्यनाथ (Photo Credits: Facebook)

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की लगातार कोशिशों से उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कोरोना महामारी की दूसरी लहर की स्थिति नियंत्रण में है. संक्रमण दर न्यूनतम स्थिति में है. वर्तमान में 2,796 कोरोना मरीज उपचाराधीन हैं. प्रदेश में कोरोना से स्वस्थ हुए लोगों की संख्या 16 लाख 80 हजार 720 हो चुकी है. प्रदेश की कोविड रिकवरी दर 98.5 फीसदी हो गई है, जबकि बीते 24 घंटे में पॉजिटिविटी दर 0.06% फीसदी पाई गई. प्रदेश में अब तक 05 करोड़ 78 लाख 44 हजार 27 टेस्ट हो चुके हैं. अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटे में प्रदेश में 02 लाख 57 हजार 818 कोविड टेस्ट किए गए. इसी अवधि में संक्रमण के 165 नए मामले आये हैं, जबकि 292 मरीज उपचारित होकर स्वस्थ हुए हैं. 1,810 लोग होम आइसोलेशन में हैं. उत्तर प्रदेश में अगले साल चुनाव नहीं, लोकतांत्रिक क्रांति होगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-9 के आज बैठक कर अहम दिशा-निर्देश दिए. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश के अनेक राज्यों में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट 'डेल्टा+' से संक्रमित मरीज पाए जा रहे हैं. विशेषज्ञों के अनुसार इस बार का वैरिएंट पहले की अपेक्षा कहीं अधिक खतरनाक है. इसलिए हमें विशेष सतर्कता बरतनी होगी. उन्होंने विशेषज्ञों के परामर्श के अनुरूप बिना देर किए सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दृष्टिगत प्रदेश की स्थिति हर दिन के साथ बेहतर होती जा रही है. यह अतिरिक्त सतर्कता और सावधानी बरतने का समय है. थोड़ी सी लापरवाही बड़ी समस्या का कारक बन सकती है.

प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को त्वरित और गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सुविधाएँ मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा संकल्पित भाव के साथ प्रयास किये जा रहे हैं. विकास खंड स्तर पर सब हेल्थ सेंटर की संख्या और बढ़ाए जाने की आवश्यकता है. वर्तमान में प्रदेश में 18 हजार से अधिक सब हेल्थ सेंटर संचालित हैं. जुलाई माह में 5,000 नए सब हेल्थ सेंटर स्थापित करने की प्रक्रिया आरंभ की जायेगी. यह लोगों को त्वरित चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराने में उपयोगी सिद्ध होंगे. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस संबंध में कार्यवाही तत्काल शुरू कर दी जाए. उसे नियोजित प्रकार से लागू कराया जाए तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्‍येक केन्‍द्र पर स्‍टाफ रहे .

सीएम ने प्रदेश के सभी जनपदों की सीएचसी और पीएचसी में उपकरणों की मरम्मत, क्रियाशीलता, परिसर की रंगाई-पुताई, स्वच्छता और मैन पावर की पर्याप्त उपलब्धता के संबंध में जारी विशेष कार्यवाही और तेज करने के निर्देश दिए. साथ ही इसकी सतत मॉनीटरिंग करने के लिए भी कहा.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना के कारण निराश्रित हुईं महिलाओं की आजीविका के लिए समुचित प्रबंध किया जाना आवश्यक है. निराश्रित महिलाओं के आर्थिक उन्‍नयन के लिए राज्य सरकार सभी आवश्यक व्यवस्थाएं कराएगी. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की तर्ज पर महिला एवं बाल विकास विभाग ऐसी महिलाओं के संबंध में भी विस्तृत कार्ययोजना तैयार करे. इसके अलावा, निराश्रित महिला पेंशन के लिए अर्ह महिलाओं को पेंशन वितरण के लिए ब्लॉक/न्याय पंचायत स्तर पर विशेष शिविर आयोजित किए जाएं.राजस्व विभाग द्वारा ऐसी महिलाओं को प्राथमिकता के साथ नियमानुसार पारिवारिक उत्तराधिकार लाभ दिलाया जाना सुनिश्चित किया जाए. जबकि ओल्ड एज होम में निवासरत वृद्धजनों की जरूरतों व समस्याओं का त्वरित संज्ञान लेने के लिए कहा.

"गंगा एक्सप्रेस वे" को लेकर सीएम योगी ने कहा की इस परियोजना के लिए भूमि के क्रय सहित अन्य सभी आवश्यक प्रक्रियाओं को तेजी से पूरा किया जाए. यह सुखद है कि लोग परियोजना के लिए प्रशासन को प्रसन्नता के साथ भूमि उपलब्ध करा रहे हैं. अब तक 63,362 किसानों से 5,261 हेक्टेयर भूमि क्रय की जा चुकी है. यह भूमि परियोजना की कुल जरूरत की 80 फीसदी है. शेष 1,221 हेक्टेयर भूमि की खरीद प्राथमिकता के साथ की जाए.

जबकि मानसून के चलते उन्होंने अधिकारीयों को सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए. सीएम योगी ने नदियों के जलस्तर की सतत मॉनीटरिंग के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि वर्तमान में लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, बाराबंकी सहित 6 जिले अतिवृष्टि से प्रभावित हैं. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा आपदा प्रबंधन टीमों को 24×7 एक्टिव मोड में रखा जाए. बाढ़ व अतिवृष्टि से पर प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में देरी नहीं होनी चाहिए. साथ ही इससे प्रभावित परिवारों को हर जरूरी मदद तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.

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