लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) में जीत के लिए सभी प्रमुख दलों ने तैयारियां तेज कर दी है. सूबे में राजनीतिक सरगर्मियां तेज होने के साथ ही निर्वाचन आयोग भी एक्शन में आ गया है और चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने हाल ही में वीडियो कांफ्रेंसिग कर उच्च अधिकारीयों के साथ तैयारियों का जायजा लिया. प्रधानमंत्री मोदी गरीब कल्याण अन्न योजना के उत्तर प्रदेश के लाभार्थियों से संवाद करेंगे
निर्वाचन अधिकारी ने राज्य के अफसरों को बताया कि आगामी विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में 1500 मतदाताओं की बजाय इस बार 1200 मतदाताओं के लिए एक बूथ बनाया जाएगा. इस संबंध में एक नवंबर से पुनरीक्षण का काम शुरू किया जाएगा. जबकि चुनाव आयोग 18 वर्ष की आयु पूरा कर रहे युवाओं को मतदाता बनाने के लिए खास अभियान शुरू करेगी.
बैठक में सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी विनीत कटियार ने बताया कि अबकी बार बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को वोट डालने के लिए मतदान केंद्र नहीं आने की जरुरत है, बल्कि वह घर से ही अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. उन्होंने बताया कि 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता अपना वोट पोस्टल बैलेट के माध्यम से डाल सकेंगे. इसके लिए पोलिंग पार्टियां उनके घरों पर जाएंगी और पोस्टल बैलेट लेंगी.
चुनाव आयोग ने जिलाधिकारियों को बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं का घर-घर जाकर सत्यापन कराने का निर्देश दिया है. जिसके मद्देनजर उचित कदम उठाया जा सके. रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 80 साल से ज्यादा उम्र के मतदाताओं की संख्या करीब 23 लाख है. जबकि दिव्यांग मतदाताओं की भी संख्या 9 लाख के करीब है.
बीते हफ्ते चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के साथ ही गोवा, मणिपुर, पंजाब और उत्तराखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी. बैठक में मतदान केंद्रों पर सुविधाओं, मतदाता सूची, 80 साल से अधिक के मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलेट और ईवीएम और वीवीपैट की व्यवस्था सहित मुद्दों पर चर्चा की गई.