नई दिल्ली, 24 दिसम्बर : दिल्ली में गेस्ट टीचर्स को लेकर मुद्दा शांत होता नहीं दिख रहा है. बुधवार को शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली शिक्षा निदेशालय को गेस्ट और कॉन्ट्रैक्ट (संविदा) टीचर्स के वेतनमान को बढ़ाने के लिए प्रपोजल बनाने को कहा तो वहीं दिल्ली कांग्रेस ने दिल्ली सरकार से मांग की है कि तनख्वाह के साथ टीचर्स को स्थायी किया जाए. दिल्ली कांग्रेस के मुताबिक, पंजाब में शिक्षकों को स्थायी करने का वायदा करने वाले अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली में 7 वर्षों के शासन काल में हजारों युवाओं से वायदा करने के बावजूद एक भी गेस्ट टीचर को स्थायी नही किया है. शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया गेस्ट टीचरों को 50 हजार वेतन का झूठा बयान दे रहे हैं, जबकि रिकॉड अनुसार गेस्ट टीचर को लगभग 25,000 रुपये महीना वेतन दिया जा रहा है.
इस मसले पर मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए कहा कि, गेस्ट टीचर्स की सैलरी बढाने को लेकर दिल्ली सरकार ने प्रिक्रिया शुरू कर दी है. इसके बाद दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने बताया, मैंने शिक्षा मंत्री का बयान देखा जिसमें वह गेस्ट टीचर्स की सैलरी बढाने की बात कर रहे हैं. लड़ाई सैलरी बढाने की नहीं बल्कि 22000 टीचर्स को स्थायी करने की है. तीन बार मुख्यमंत्री ने अपने मेनिफेस्टो में इन टीचर्स को पक्का करने का वायदा किया था. यह भी पढ़ें : Maharashtra COVID-19 New Guidelines: कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार जारी करेगी नये दिशा-निर्देश
जो टीचर्स इस लड़ाई में संघर्ष कर रहें, कांग्रेस उनके संघर्ष के साथ खड़ी है. लेकिन आज इस बयान के बाद यह साफ हो गया है कि दिल्ली सरकार कितना डर गई है. सिर्फ चुनाव के लिए बड़ी बड़ी बात करना ठीक नहीं, झूठ सामने आ ही जाता है.