उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के डेहरी गांव में एक अनोखा परिवार है, जो धार्मिक रूप से मुसलमान होते हुए भी अपने सरनेम में हिन्दू नाम जिसमें दूबे, चौके और तिवारी लिखता है. जिसको लेकर यह गांव काफी चर्चा में हैं. इस परिवार के लोग अपने सरनेम से हिन्दू नाम क्यों अपनाते हैं, इसके पीछे क्या वजह है, यह सवाल इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है. इस गांव के लोगों से ही जानते हैं कि वे मुस्लिम होंते हुए भी अपने सरनेम के आगे क्यों हिन्दू सरनेम लिखते हैं.
इन्हीं लोगों में एक शख्स का नाम तो नौशाद अहमद है. लेकिन नौशाद अहमद अपने नाम के आगे डूबे लिखते हैं. नौशाद अहमद ने कहा कि यदि हम अपने नाम के आगे हिन्दू सरनेम लिखेंगे तो देश में जाति और धर्म को लेकर पूरा विवाद ही ख़त्म हो जाएगा. इन्ही लोगों में एक दूसरे शख्स. जिनका नामा शेख अब्दुलाह है. लेकिन वे अपने नाम के आगे दूबे लिखते हैं. इसके पीछे उन्होंने वजह बताई कि हमारे पूर्वज पहले हिन्दू धर्म से थे. इस बात का उन्होंने देश में NRC आने वाला है. जब उन्होंने अपने पूर्वजों के बारे में डिटेल्स निकालना शुरू किया तो तो मालूम पड़ा किउनके वंशज हिन्दू थे. उनके उन्ही वंशज में हिन्दू से धर्म बदलकर मुस्लिम बन गए. जिसके बाद आग की आने वाली पीड़ी मुस्लिम बन गई. यह भी पढ़े: VIDEO: तिरुमला में सभी कर्मचारी हिंदू होने चाहिए, लेकिन वक्फ में चाहिए गैर-मुस्लिम, TTD चेयरमैन नायडू के फरमान पर ओवैसी भड़के
जौनपुर जिले के डेहरी गांव में जो लोग हिंदी सरनेम लिखते हैं. ये अपने नाम के आगे भले हे हिन्दू सरनेम लिखते है. लेकिन इनके बारे में बताया जा रहा कि ये लोग अपना धर्म नहीं बाले हैं. बल्कि मुस्लिम धर्म का ही पालन कर रहे हैं. पहले की तरफ नमाज रोजा करते हैं. हालांकि गांव के कुछ लोग है. उनका जो नाम है वे ]वहीं लिखते हैं. वे हिन्दू सरनेम का स्तेमाल नहीं करते है.