उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 12वीं कक्षा के एक छात्र ने अपने हुनर से सबको हैरान कर दिया है. शिवचरण इंटर कॉलेज में पढ़ने वाले 17 साल के आदित्य कुमार ने एक 'AI टीचर' रोबोट बनाया है. इस रोबोट का नाम 'सोफी' रखा गया है. सबसे खास बात यह है कि यह रोबोट स्कूल में बच्चों को बिल्कुल एक टीचर की तरह पढ़ा सकती है.
सोफी खुद देती है अपना परिचय
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में सोफी अपना परिचय खुद देती है. जब उससे पूछा गया कि वह कौन है, तो उसने जवाब दिया, "मैं एक AI टीचर रोबोट हूं. मेरा नाम सोफी है और मेरा आविष्कार आदित्य ने किया है. मैं शिवचरण इंटर कॉलेज, बुलंदशहर में पढ़ाती हूं." उसने यह भी कहा कि वह छात्रों को सही ढंग से पढ़ाने में सक्षम है.
कैसे काम करती है सोफी?
आदित्य ने बताया कि इस रोबोट को बनाने के लिए उन्होंने LLM (लार्ज लैंग्वेज मॉडल) चिपसेट का इस्तेमाल किया है. यह वही तकनीक है जिसका इस्तेमाल बड़ी-बड़ी टेक कंपनियां रोबोट बनाने में करती हैं.
#WATCH | Bulandshahr, UP | A 17-year-old student from Shiv Charan Inter College, Aditya Kumar, has built an AI teacher robot named Sophie, equipped with an LLM chipset.
The robot says, "I am an AI teacher robot. My name is Sophie, and I was invented by Aditya. I teach at… pic.twitter.com/ArJYSsf39F
— ANI (@ANI) November 29, 2025
वीडियो में आदित्य ने सोफी की परीक्षा भी ली. उन्होंने सोफी से कई सवाल पूछे, जैसे:
- दुनिया की सबसे ऊंची इमारत कौन सी है?
- भारत के पहले राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कौन थे?
- बिजली (Electricity) क्या है?
- गणित का सवाल: 100 + 92 कितना होता है?
सोफी ने इन सभी सवालों का बिल्कुल सही जवाब दिया. फिलहाल सोफी सिर्फ हिंदी भाषा बोल सकती है.
#WATCH | Bulandshahr, UP | Aditya Kumar said, "I have used an LLM chipset to build this robot, which is also used by big companies that make robots. It can clear students' doubts... For now, she can only speak. But we are designing it so it can write as well soon... There should… pic.twitter.com/5QSIkxOZrv
— ANI (@ANI) November 29, 2025
आगे क्या प्लान है?
आदित्य का कहना है कि अगर किसी दिन कोई टीचर स्कूल नहीं आते हैं, तो सोफी उनकी जगह क्लास ले सकती है और बच्चों के डाउट क्लियर कर सकती है. अभी सोफी सिर्फ बोलकर जवाब देती है, लेकिन आदित्य इसे अपग्रेड कर रहे हैं ताकि आने वाले समय में यह लिख भी सके.
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आदित्य ने यह भी कहा कि हर जिले में छात्रों के लिए एक अच्छी रिसर्च लैब होनी चाहिए, ताकि वहां जाकर बच्चे उनकी तरह नई-नई चीजें सीख सकें और रिसर्च कर सकें.












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