लखनऊ, 1 जनवरी : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ में आवारा कुत्तों की लगभग 50 प्रतिशत आबादी की नसबंदी की जानी बाकी है. ऐसे में लखनऊ को कुत्तों के हमलों के खतरे से छुटकारा पाने में कुछ और साल लग सकते हैं. लखनऊ नगर निगम (एलसीएम) द्वारा किए गए एक सर्वे के अनुसार, शहर में अनुमानित 95 हजार आवारा कुत्ते हैं. साल 2017 के बाद से शहर में एनिमल बर्थ कंट्रोल कार्यक्रम के रोल आउट के बाद कुल 48 हजार कुत्तों की नसबंदी की गई है, जिसका मतलब है कि अभी 50 प्रतिशत और कुत्तों की नसबंदी की जानी बाकी है.
अधिकारियों का कहना है कि प्रतिदिन औसतन 70 से 80 कुत्तों की नसबंदी की जा रही है. लखनऊ नगर निगम इस गति से बिना ब्रेक के काम करता है तो कुत्तों की पूरी आबादी को कवर करने में एक साल और सात महीने लगेंगे. एक मादा कुत्ता साल में औसतन पांच बच्चों को जन्म देती है. पशु चिकित्सकों के अनुसार, उच्च मृत्यु दर के बावजूद दो बच्चे जिदा रहते हैं. इसलिए, जनसंख्या बढ़ती रहेगी. यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र : लूट के मामले में दो लोगों को 10 साल की कैद
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अभिनव वर्मा ने कहा कि एलसीएम को इस कार्य को पूरा करने के लिए तीन साल लगेंगे. हम नसबंदी की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं और नई एजेंसियां जल्द ही इस काम में शामिल होंगी. पिछले एक साल में राज्य की राजधानी में कुत्तों के हमलों में खतरनाक बढ़ोतरी हुई है. पिछले साल जुलाई में एक पालतू पिटबुल ने अपने 82 वर्षीय मालिक पर हमला करके मार दिया था. विभिन्न इलाकों से पार्कों और सड़कों पर कुत्तों द्वारा बच्चों पर हमला करने की घटनाएं सामने आ रही हैं.