UP New Population Policy: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की बढ़ती आबादी पर अंकुश लगाने के लिये योगी सरकार नई जनसंख्या नीति घोषित करने वाली है. सूबे में जनसंख्या स्थिरीकरण की जरूरतों को देखते हुए राज्य के विधि आयोग ने यूपी जनसंख्या विधेयक 2021 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) आदित्य नाथ मित्तल (Aditya Nath Mittal) ने बताया कि राज्य विधि आयोग (State Law Commission) ने जनसंख्या नियंत्रण और कल्याण के लिए एक प्रस्ताव दिया है. इसके तहत कहा गया है कि कोई भी जोड़ा जो दो-बाल नीति का पालन करता है, उसे सभी सरकारी लाभ दिए जाएंगे. वे सभी सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे. जनसंख्या विस्फोट भारत में अनेक समस्याओं की मूल वजह :न्यायालय में दाखिल याचिका में कहा गया
यूपी विधि आयोग के अध्यक्ष एएन मित्तल ने कहा “यदि कोई इस नीति का पालन नहीं करता है, तो वे ऐसी योजनाओं के लिए पात्र नहीं होंगे. उनका राशन कार्ड चार इकाइयों तक सीमित रहेगा. वे सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे और यदि वे पहले से ही सरकारी कर्मचारी हैं, तो उन्हें पदोन्नति नहीं मिलेगी.”
State Law Commission has given a proposal for population control and welfare. We've proposed that any couple that follows two-child policy will be given all govt benefits. They'll be able to avail all govt welfare schemes: UP Law Commission chairman Aditya Nath Mittal pic.twitter.com/CvyeG2d1a6
— ANI UP (@ANINewsUP) July 10, 2021
उन्होंने आगे बताया कि यह प्रणाली स्वैच्छिक होगी, यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से अपने परिवार के सदस्यों की संख्या सीमित रखता है, तो वे सरकारी योजनाओं के लिए पात्र होंगे. हम इसे अगस्त के दूसरे सप्ताह तक पेश करने की योजना बना रहे हैं. प्रस्ताव के दायरे में बहुविवाह तथा अन्य विभिन्न पहलुओं को शामिल करते हुए विचार किया गया. हालांकि यह आयोग की तरफ से महज सुझाव है. योगी सरकार पर है कि वह इन्हें मानती है या नहीं.
This system will be voluntary, if a person voluntarily keeps the number of his family members limited, they will be eligible for govt schemes. We are planning to present this by the second week of August: UP Law Commission chairman
— ANI UP (@ANINewsUP) July 10, 2021
उत्तर प्रदेश की जनसंख्या वृद्धि पर लगाम लगाने के लिये आयोग ने कानून के प्रस्ताव पर काफी पहले ही काम शुरू कर दिया था. 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नवीन जनसंख्या नीति 2021-30 जारी करेंगे. प्रदेश की निवर्तमान जनसंख्या नीति 2000-16 की अवधि समाप्त हो चुकी है. अब नई नीति समय की मांग है. राज्य की कुल प्रजनन दर वर्तमान में 2.7 प्रतिशत है जबकि आदर्श रूप से यह 2.1 प्रतिशत से कम होनी चाहिए.
हाल ही में सीएम योगी ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए समुदाय केंद्रित दृष्टिकोण का आह्वान किया है ताकि लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें और राज्य का समुचित विकास हो सके. उन्होंने एक बयान में कहा, "गरीबी और निरक्षरता जनसंख्या विस्तार के प्रमुख कारक हैं. कुछ समुदायों में जनसंख्या के बारे में जागरूकता की कमी भी है और इसलिए हमें समुदाय केंद्रित जागरूकता प्रयासों की आवश्यकता है."