लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है. 100 से अधिक गांव डूबे हुए हैं और अब तक 600 से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं. राज्य के 75 जिलों में से 24 बाढ़ से जूझ रहे हैं. अधिकारियों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में प्रयागराज के कुछ हिस्सों में घर आंशिक रूप से जलमग्न हो गए हैं. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, प्रदेश के हमीरपुर, बांदा, इटावा, जालौन, वाराणसी, कौशांबी, चंदौली, हाजीपुर, औरैया, कानपुर देहात, प्रयागराज, फर्रुखाबाद, आगरा, बलिया, मिर्जापुर, गोरखपुर, सीतापुर, मऊ, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, बहराइच, गोंडा, कानपुर नगर और फतेहपुर के 605 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. Uttar Pradesh Lockdown: अब यूपी में सिर्फ रविवार को रहेगा लॉकडाउन, विस्तृत गाइडलाइन जारी.
हमीरपुर के सबसे ज्यादा 75 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. इसके अलावा, बांदा के 71 तथा इटावा और जालौन के 67-67 गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है. प्रदेश के बाढ़ प्रभावित 110 गांवों का संपर्क अन्य क्षेत्रों से कट गया है.
गंगा और यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति है. भारी बारिश के कारण गंगा, यमुना, शारदा, बेतवा तथा क्वानो नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. गंगा नदी कचला ब्रिज (बदायूं), फाफामऊ (प्रयागराज), प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर तथा बलिया में खतरे के निशान को पार कर गई है और बलिया को छोड़कर बाकी स्थानों पर इसका जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.
वहीं यमुना नदी औरैया, जालौन, हमीरपुर, चिल्ला घाट, बांदा तथा नैनी (प्रयागराज) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. बेतवा नदी सहिजना (हमीरपुर) में, शारदा नदी पलिया कलां (लखीमपुर खीरी) में और कुआनो नदी चंद्रदीप घाट (गोंडा) में लाल निशान को पार कर गई है.
बाढ़ प्रभावित विभिन्न जिलों में राहत एवं बचाव कार्य के लिए NDRF, SDRF और पीएसी की कुल 59 टीमें तैनात की गई हैं.
राहत आयुक्त कार्यालय के मुताबिक, प्रदेश में कुल 940 राहत शिविरों की स्थापना की गई है. बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लाने तथा राहत सामग्री पहुंचाने के लिए कुल 1463 नाव का प्रयोग किया जा रहा है. राज्य में बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने के लिए 1125 चौकियां स्थापित की गई हैं. बाढ़ क्षेत्रों में चिकित्सीय सहायता के लिए कुल 504 मेडिकल टीमें गठित की गई हैं.