UP Assembly Election 2022: 'भाजपा सत्ता में आई तो यूपी के गांव विकास में शहरों को देंगे टक्कर'
भाजपा (Photo Credits : File Photo: Wikimedia Commons)

लखनऊ, 11 फरवरी : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यूपी विधानसभा चुनाव के लिए लोक कल्याण संकल्प पत्र में शहर के साथ-साथ गांव पर अधिक फोकस किया है. इसमें सिंचाई और ग्रामीण समृद्धि की झलक भी देखने को मिली है. संकल्प पत्र के मुताबिक, भाजपा सत्ता में आई तो यूपी के गांव विकास के मामले शहरों को टक्कर देते दिखेंगे. सर्वाधिक आबादी वाला प्रदेश होने के नाते यूपी में गांवों की भी संख्या सर्वाधिक है. देश के 6.5 लाख गांवों में से करीब एक लाख गांव तो यहां हैं. गांवों को अर्थव्यवस्था का सु²ढ़ अंग बनाने और गांव-गांव के समग्र विकास की कार्ययोजना बनाई और उसे क्रियान्वित किया. भाजपा ने अपने लोक कल्याण संकल्प पत्र में इसके प्रति प्रतिबद्धता जतायी है.

संकल्प पत्र के मुताबिक भाजपा सत्ता में आई तो यूपी के गांव विकास के लिहाज से शहरों से होड़ लेंगे. मसलन मुख्य शहर से गांव को जोड़ने वाली सोलर लाइट की दूधिया रोशनी से नहाई चकाचक सड़क होंगी. संकल्प पत्र के मुताबिक, जल निकासी के लिए पक्की नालियां, हर ग्राम पंचायत पर बस स्टेशन, इनके लिए 2000 अतिरिक्त बसों की व्यवस्था और इंटरनेट कनेक्टिविटी और जल जीवन मिशन के तहत 2024 तक हर घर तक शुद्ध पेयजल की व्यवस्था होगी.

संकल्प पत्र में पहले की तरह सिंचन क्षमता के विस्तार पर खासा जोर दिया गया है. खेतीबाडी के क्षेत्र में एक प्रचलित कहावत है कि पानी को छोड़ खेती हर चीज का इंतजार कर सकती है. खेतीबाड़ी में सिंचाई के इसी महत्व के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर ड्राप मोर क्रॉप का नारा दिया. साथ ही प्रधानमंत्री सिंचाई योजना की शुरूआत की. इसके तहत फोकस उन परियोजनाओं पर था जो दशकों से लंबित थी. डबल इंजन की सरकार के बेहतर तालमेल का ही नतीजा रहा कि भाजपा सरकार के पांच साल के कार्यकाल के दौरान वाण सागर, अर्जुन सहायक नहर और सरयू नहर जैसी बेहद महत्वाकांक्षी परियोजनाओं समेत करीब डेढ़ दर्जन परियोजनाओं को पूरा कर सिंचन क्षमता में करीब 20 लाख हेक्टेयर का विस्तार किया. यह भी पढ़ें : Hijab Controversy: सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश को चुनौती देने वाली याचिका दायर

संकल्पपत्र में भी इस सिलसिले को जारी रखने के प्रति प्रतिबद्धता जताई गई है. संकल्प पत्र के अनुसार सिंचाई के लिए 5,000 करोड़ रुपये की लागत के साथ मुख्यमंत्री कृषि सिंचाई योजना शुरू किया जाएगी. इसके तहत लघु-सीमांत किसानों को बोरवेल, तालाब और टैंक निर्माण के लिए अनुदान देय होगा. सिंचाई के लिए सभी किसानों को मुफ्त बिजली दी जाएगी. प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत किसानों को सोलर पंप देना जारी रहेगा. पत्र में 25,000 करोड़ की लागत से शुरू सरदार वल्लभ भाई पटेल एग्री-इंफ्रास्ट्रक्च र मिशन के तहत प्रमुख फसलों की छंटनी, ग्रेडिंग, पैकिंग, अधिक समय तक संरक्षित करने के लिए कोल्ड चेन चेम्बर्स का निर्माण कराया जाएगा. 5,000 करोड़ की लागत से गन्ना मिल नवीनीकरण मिशन के अंतर्गत चीनी मिलों का आधुनिकीकरण के साथ नई सहकारी चीनी मिलों के निर्माण, कराने के साथ 14 दिनों के भीतर भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा. नहीं होने पर देरी के अनुसार ब्याज भी देय होगा. यह भी पढ़ें : Hijab Controversy: सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश को चुनौती देने वाली याचिका दायर

किसानों को आलू, टमाटर एवं प्याज जैसी सभी फसलों का न्यूनतम मूल्य सुनिश्चित करने के लिए 1,000 करोड़ का भामाशाह भाव स्थिरता कोष बनाया जाएगा. 1,000 करोड़ की लागत से नन्द बाबा दुग्ध मिशन के तहत दुग्ध उत्पादन में प्रदेश को अग्रणी राज्य बनाया जाएगा. वहीं 4,000 नए फसल-विशिष्ट एफपीओ स्थापित किए जाएंगे. साथ ही प्रदेश में 6 मेगा फूड पार्क विकसित किए जाएंगे. प्रदेश में निषादराज बोट सब्सिडी योजना शुरू की जाएगी. दषकों तक कृषि विषय को कवर करने वाले वरिष्ठ पत्रकार गिरीश पांडेय कहते हैं भाजपा ने अपने संकल्प पत्र गांवों के समग्र विकास की झलक दिखलाई है. किसान कर्ज माफी से शुरू किसानों के कल्याण का सिलसिला भी जारी रखने का संकल्प दोहराया गया है.