नई दिल्ली: केंद्र सरकार के बाद उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और पंजाब सरकार ने अनलॉक-5 की गाइडलाइंस जारी कर दी है. नए दिशानिर्देश में इन राज्यों ने अपने-अपने यहां शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने की अनुमति दे दी है. इन राज्यों में सभी स्कूल और कॉलेज 15 अक्टूबर के बाद चरणबद्ध तरीके से खोले जायेंगे. शैक्षणिक संस्थानों में कोविड-19 के हर प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जायेगा. हालांकि अभी भी कई राज्यों ने कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्कूल-कॉलेजों को बंद ही रखने का निर्णय लिया है. स्कूल खोलने पर विशेषज्ञों के विचार पूछ रही है कर्नाटक सरकार
कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए विभिन्न राज्य 15 अक्टूबर के बाद स्कूल खोलने का निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं. इसी को देखते हुए केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल खोले जाने को लेकर एक एसओपी तैयार की है. एसओपी का पहला हिस्सा स्वास्थ्य, सफाई और सुरक्षा के बारे में है. जबकि दूसरे हिस्से में सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए पढ़ने-पढ़ाने पर जोर दिया गया है. हालांकि स्कूलों में उपस्थिति अनिवार्य नहीं होगी. कोई भी स्कूल किसी भी छात्र को जबरदस्ती स्कूल नहीं बुला सकता है.
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अनलॉक-5 के दिशा निर्देश के साथ ही स्कूल-कॉलेजों को खोलने की अनुमति दे दी है. प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने हाल ही में बताया कि कटेंनमेंट जोन के बाहर सभी स्कूल और कोचिंग संस्थान 15 अक्टूबर के बाद खोले जा सकते है. बुधवार को लखनऊ जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक प्रकाश द्वारा बुलाई गई यूपी पैरेंट्स एसोसिएशन और अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन (UPSA) की बैठक में स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया है.
हालांकि, पंजाब में तक़रीबन सात महीने तक स्कूलों के बंद रहने के बाद नौवीं से बारहवीं कक्षा तक के लिए दिन में तीन घंटे के लिए फिर से स्कूलों को खोला जायेगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक छात्रों की संख्या ज्यादा होने पर बच्चों और टीचरों को दो शिफ्टों में बुलाने के लिए कहा गया है. जबकि इस दौरान मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालना करने का निर्देश दिया गया है. जबकि हरियाणा सरकार ने शर्तों के साथ 15 अक्टूबर के बाद छठी से बारहवीं तक के बच्चो के लिए स्कूल खोलने की अनुमति दे दी है.
गौरतलब है कि कोरोना की मौजूदा स्थिति को देखते हुए दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने सभी स्कूलों को 31 अक्टूबर तक बंद रखने का निर्णय लिया है. वहीं, महाराष्ट्र सरकार ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि स्थितियां इतनी उपयुक्त नहीं हैं कि स्कूल-कॉलेज खोलने का फैसला लिया जा सके. राज्य सरकार ने कहा कि महाराष्ट्र में कोविड-19 की स्थिति सामान्य नहीं है. इसलिए शिक्षण संस्थानों को खोलना उचित नहीं होगा.
पश्चिम बंगाल सरकार ने भी इस मामले में साफ कहा है कि राज्य में 14 नवंबर से पहले स्कूल नहीं खोले जायेंगे. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि 14 नवंबर को काली पूजा के बाद राज्य के शैक्षणिक सस्थानों को खोलने पर विचार किया जाएगा. इसी तरह तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, असम, ओडिशा, आंध्र प्रदेश ने भी कोरोना के बढ़ते संक्रमण का हवाला देकर शैक्षणिक सस्थानों को खोलने का फैसला नहीं लिया है.
क्या कहती हैं केंद्र सरकार की SOP
एसओपी में कक्षा, लैबोरेट्री और खेल-कूल से जुड़े इलाकों में सभी को हमेशा मास्क पहनने के लिए कहा गया है. साथ ही छह फीट की सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने की बात भी कही गई है. बार-बार हाथ धोने और सांस संबंधी शिष्टाचार का पालन करने को भी कहा गया है. एसओपी के मुताबिक बिना परिजनों की लिखित अनुमति के बच्चे स्कूल नहीं जा सकेंगे. अगर छात्र चाहें तो वो स्कूल जाने के बजाए अनलाइन क्लास का विकल्प चुन सकते हैं.
साथ ही स्कूलों ने एनसीईआरटी के वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर का पालन करने को कहा गया है. मूल्याकंन के दौरान पेन, पेपर टेस्ट की जगह सीख आधारित मूल्याकंन के लिए अलग-अलग फॉर्मेट अपनाने पर जोर दिया है और स्कूल खुलने के 2 से तीन हफ्ते बाद तक तुरंत किसी तरह के मूल्याकंन की अनुमति नहीं होगी. एसओपी में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े दिशा-निर्देश भी दिए गए है.