कोरोना से जंग: सभी जिलों का हॉटस्पॉट, नॉन हॉटस्पॉट और ग्रीन जोन में होगा बंटवारा- केंद्र ने कम्युनिटी ट्रांसमिशन से किया इनकार
कोरोना वायरस का टेस्ट (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली: देश के विभिन्न हिस्सों में जानलेवा कोरोना वायरस (Coronavirus) के करीब 12 हजार से अधिक संक्रमण के मामलों की पुष्टी हुई है. जबकि 390 से अधिक कोविड-19 (COVID-19) संक्रमितों की मौत हुई है. हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) ने साफ़ कहा है कि देश में कोरोना का अब तक कम्युनिटी ट्रांसमिशन ( Community Transmission) नहीं हुआ है. यानि कि अभी तक जो पॉजिटिव मरीज मिले है वो वायरस के स्थानीय ट्रांसमिशन (Local Transmission) से हुए है.

कोरोना वायरस से जारी जंग को और प्रभावी बनाने के लिए सभी जिलों को हॉटस्पॉट, नॉन हॉटस्पॉट और ग्रीन जोन में बांटा जाएगा. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल (Lav Aggarwal) ने बुधवार को बताया कि देश के जिलों को तीन प्रकार से बांटा जाएगा. पहला सभी हॉटस्पॉट ​जिले, दूसरा नॉन-हॉटस्पॉट जिले और तीसरा ग्रीन ज़ोन जिले. हॉटस्पॉट जिलों में वो जिले शामिल होंगे जहां कोरोना वायरस का प्रसार तेजी से हो रहा है. नॉन-हॉटस्पॉट जिले वो जिले होंगे जहां कोरोना के मामले सामने आए हैं, लेकिन फैलने की मामलों की बढ़ने की गति बहुत धीमी है. जबकि ग्रीन ज़ोन जिलों में उन जिलों को शामिल किया जाएगा जहां कोई मामला सामने नहीं आया है. कोरोना को हराने के लिए सही होम क्वारंटाइन है बेहद जरुरी, जानें नियम और उल्लंघन की सजा

लव अग्रवाल ने बताया कि सभी जिला प्रशासन को जिला स्तर पर कोविड-19 के लिए एक संकट प्रबंधन प्लान बनाने के लिए कहा गया है. किसी एक की असफलता पूरे देश की असफलता का कारण बन सकती है. इसलिए जरूरी है कि कंटेनमेंट प्लान पूरे देश में हर जिले में समान रूप से लागू किया जाए. वैज्ञानिकों ने चमगादड़ों में छह नए कोरोना विषाणुओं की खोज की

इसके साथ ही जिलों को कोरोना मरीजों का इलाज करने के लिए अलग अस्पताल, माइल्ड केस के लिए कोविड केयर सेंटर और गंभीर मामलों के लिए कोविड हेल्थ सेंटर, नाजुक मामलों के लिए वेंटिलेटर वाले अस्पताल की व्यवस्था की जाए.