नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) की जद में देश के 26 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश आ चुके है. भारत इस महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई में अब बहुत ही महत्वपूर्ण चरण में पहुंच चुका है. ऐसे में थोड़ी सी भी लापरवाही पूरे देश के लिए बहुत बुरी साबित हो सकती है. कोविड-19 के संदिग्ध के क्वारंटाइन के लिए सरकार ने कुछ समय पहले दिशानिर्देश जारी किए थे. जिसके तहत ऐसे हर व्यक्ति को क्वारंटाइन (Quarantine) होना अनिवार्य है, जो संक्रमित व्यक्ति या वातावरण के संपर्क में आया हो या उसमें जानलेवा वायरस के लक्षण हो. क्वारंटाइन की कुल अवधि 14 दिनों की होती है.
सरकार ने होम क्वारंटाइन (Home Quarantine) होने वाले लोगों से अपील की है कि वो दिशानिर्देश के अनुसार सभी नियम का पालन करें. मूल रूप से होम क्वारंटाइन होने वाले व्यक्ति को गंभीर बीमारी की चपेट में आने का खतरा अधिक होता है. प्रमुख स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान आईसीएमआर के अनुसार होम क्वारंटाइन का कड़ाई से पालन कोरोना वायरस महामारी के जोखिम को 62-89 फीसदी तक कम कर सकता है. कोरोना वायरस: रेलवे यात्री डिब्बों को वायरस संक्रमितों के लिए पृथक वार्ड के लिए देने पर कर रहा विचार
सरकार ने भी यह स्पष्ट कहा है होम क्वारंटाइन के दौरान नियम का उल्लंघन करते हुए पाये जाने पर महामारी रोग अधिनियम, 1897 के तहत कार्रवाई की जाएगी. इस अधिनियम में दोषी पाए जाने पर 6 महीने की जेल और 1000 रुपये का जुर्माना या दोनों सजा के तौर पर हो सकती है. होम क्वारंटाइन से संबंधित अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.
कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने मंगलवार आधी रात से 21 दिन के लिए देशभर में पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की थी. उन्होंने तब जोर देकर कहा था कि कोरोनो वायरस की श्रृंखला को तोड़ना बहुत आवश्यक है. इसलिए लॉकडाउन की अवधि में लोग घरों से बाहर कदम ना रखे.
देश में अब तक कोविड-19 के 649 मामलों की पुष्टि हो चुकी हैं. इनमें से 42 को स्वास्थ्य लाभ के बाद घर भेज दिया गया है.जबकि इन लोगों के साथ संपर्क रखने वाले हजारों लोगों की पहचान करते हुए उन्हें क्वारंटाइन रखा गया है. साथ ही कोरोना वायरस संक्रमित लोगों से संपर्क करने वाले लोगों की पहचान भी जारी है.