
नई दिल्ली: केंद्रीय बजट 2025-26 की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं, और इसी के साथ हलवा सेरेमनी की घोषणा कर दी गई है. हलवा सेरेमनी 24 जनवरी, शुक्रवार को शाम 5 बजे उत्तर ब्लॉक में आयोजित की जाएगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी, शनिवार को संसद में केंद्रीय बजट पेश करेंगी. हलवा सेरेमनी इस बजट की तैयारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसकी अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्वता है.
हलवा सेरेमनी हर साल बजट की तैयारियों के आखिरी चरण में आयोजित की जाती है. इस समारोह में बजट दस्तावेज तैयार करने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को ताजा बना हलवा परोसा जाता है. यह एक तरह से बजट टीम के लिए सम्मान और उत्सव का प्रतीक है, जो कई महीनों की कड़ी मेहनत के बाद बजट तैयार करती है.
हलवा सेरेमनी के बाद, बजट तैयार करने वाले अधिकारी 'लॉक-इन' प्रक्रिया में चले जाते हैं. इसका मतलब है कि ये अधिकारी तब तक उत्तर ब्लॉक में रहेंगे जब तक बजट आधिकारिक रूप से संसद में पेश नहीं कर दिया जाता. इस दौरान बाहरी दुनिया से उनका संपर्क पूरी तरह से काट दिया जाता है. मोबाइल फोन का उपयोग भी वर्जित होता है ताकि बजट से जुड़ी कोई भी जानकारी लीक न हो सके.
कैसे होता है हलवा सेरेमनी का आयोजन?
हलवा सेरेमनी के दौरान, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण खुद हलवे को चलाने की रस्म निभाती हैं. इसके बाद हलवा सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच बांटा जाता है. इस मौके पर वित्त मंत्रालय के सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहते हैं. हलवा सेरेमनी के बाद बजट दस्तावेजों को प्रिंटिंग के लिए भेजा जाता है.
बजट के दस्तावेजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इंटेलिजेंस ब्यूरो द्वारा प्रिंटिंग प्रेस में सरप्राइज निरीक्षण भी किया जाता है.
क्यों है हलवा सेरेमनी खास?
हलवा सेरेमनी सिर्फ एक रस्म नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का प्रतीक भी है. हलवा, जिसे भारतीय मिठाई के रूप में पहचाना जाता है, सामूहिकता और साझा खुशी का प्रतीक है. यह समारोह बजट टीम की मेहनत और समर्पण का सम्मान करने का एक तरीका है.