09 दिसम्बर 2022 को केरल हाईकोर्ट की बेंच ने भारत सरकार को निर्देश दिया है कि केरल उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से सभी समुदायों के लिए समान मैरेज संहिता लागू करने के लिए अपना एक्टिव एक्शन लेने के बताया है. मुस्लिम विवाह के एक मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ के नियमों में बदलाव के लिए केरल हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार एक बड़ी फैसला है. मुस्लिम पर्सनल लॉ को छोड़कर दूसरे धर्मो के पर्सनल लॉ में शादी की न्यूनतम उम्र एक समान है. भारतीय ईसाई विवाह अधिनियम, 1872, पारसी विवाह और तलाक अधिनियम, 1936, विशेष विवाह अधिनियम, 1954 और हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत पुरुष के लिए विवाह की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और लड़की के लिए 18 वर्ष है.
ट्वीट देखें:
Kerala High Court calls upon Central government to enact Uniform Marriage Code applicable to all communities pic.twitter.com/gG9Z85aIgi
— Bar & Bench (@barandbench) December 9, 2022