CM धामी को सौंपा गया Uniform Civil Code का ड्राफ्ट, बहुविवाह पर रोक, लड़कियों की शादी की लीगल उम्र 21 साल सहित बदल सकते हैं ये नियम
CM Dhami Received UCC Draft

देहरादून: उत्तराखंड अब कुछ ही दिनों में यूनिफॉर्म सिविल कोड वाला राज्य बन जाएगा. मुख्य सेवक सदन में आयोजित एक कार्यक्रम में UCC समिति की अध्यक्ष न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई ने मसौदा समिति के सदस्यों के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को UCC ड्राफ्ट रिपोर्ट सौंपी. समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट मिलने के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, "लंबे समय से हमें इस ड्राफ्ट का इंतजार था, आज हमें ड्राफ्ट मिल गया है. हमने उत्तराखंड की जनता से वादा किया था कि नई सरकार के गठन के बाद हम समान नागरिक संहिता के लिए कानून बनाएंगे. इस ड्राफ्ट का परीक्षण करने के बाद जो भी जरूरी औपचारिकताएं हैं उसे पूरा कर, ड्राफ्ट को विधानसभा में पेश कर विधेयक लाएंगे."

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कहते हैं, ''हमने 2022 के विधानसभा चुनाव में राज्य की जनता से वादा करते हुए राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने का संकल्प लेते हुए यूसीसी कमेटी का गठन किया था. 5 सदस्यीय ड्राफ्टिंग समिति ने यूसीसी के लिए एक मसौदा तैयार किया है. इसके लिए दो उप-समितियां भी बनाई गईं थी."

धामी सरकार ने UCC के लिए 27 मई 2022 को पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. ड्राफ्ट मिलने के बाद अब सरकार इसे कल यानी शनिवार को होने वाली कैबिनेट मे इसे मंजूरी देगी. धामी सरकार 6 फरवरी को UCC को विधेयक के रूप में विधानसभा में पेश करेगी.

ये नियम हो सकते हैं लागू

  • यूसीसी के लागू होने के बाद बहुविवाह पर रोक लग जाएगी.
  • विवाह के बाद अनिवार्य पंजीकरण की आवश्यकता हो सकती है. बिना पंजीकरण के विवाह अमान्य माना जाएगा.
  • लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र 21 साल तय की जा सकती है.
  • लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों को अपनी जानकारी देना अनिवार्य होगा. लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए पुलिस में रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा.
  • लड़कियों को भी लड़कों के बराबर विरासत का अधिकार मिलेगा.
  • बच्चों की संख्या पर सीमा निर्धारित करने सहित जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रावधान पेश किए जा सकते हैं.

आजादी के बाद UCC लागू करने वाला देश का पहला राज्य

उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा. गोवा में पुर्तगाली शासन के दिनों से ही यूसीसी लागू है. यूसीसी के तहत प्रदेश में सभी नागरिकों के लिए एकसमान विवाह, तलाक, जमीन, संपत्ति और उत्तराधिकार के कानून लागू होंगे चाहे वे किसी भी धर्म को मानने वाले हों.