गलत नक्शा लगाने, बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री परोसने की अनुमति देने पर घिरा ट्विटर
ट्विटर (Photo credits: pixabay)

नयी दिल्ली/ लखनऊ, 30 जून : देश का गलत मानचित्र लगाने के लिए भारत में ट्विटर के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में दो प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने भी कहा कि इसने बच्चों से संबंधित अश्लील सामग्री परोसने की अनुमति देने के आरोप में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से दर्ज शिकायत के आधार पर ‘माइक्रोब्लॉगिंग’ (Microblogging) वेबसाइट के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की है. भारत के गलत मानचित्र मामले में जहां ट्विटर ने कुछ नहीं कहा, वहीं इसके प्रवक्ता ने कहा कि बाल यौन उत्पीड़न पर उसकी कतई बर्दाश्त नहीं करने वाली नीति है और इस मुद्दे से निपटने में वह कानूनी एजेंसियों एवं भारत में गैर सरकारी संगठन सहयोगियों के साथ मिलकर काम करेगा. ट्विटर और भारतीय अधिकारियों के बीच यह नवीनतम तनातनी है. नए आईटी नियमों का पालन नहीं करने के लिए जहां सोशल मीडिया कंपनी का केंद्र सरकार के साथ गतिरोध चल रहा है वहीं ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक मनीष माहेश्वरी को हाल में उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस ने एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति पर हमले के सिलसिले में आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने के लिए समन भेजा था.

इस मामले में माहेश्वरी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया है. गलत नक्शा के मुद्दे पर प्राथमिकी बुलंदशहर जिले के खुर्जा कोतवाली में दर्ज हुई है. उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जनपद के खुर्जा नगर के रहने वाले वकील प्रवीण भाटी ने खुर्जा कोतवाली नगर थाने में मामला दर्ज कराया है, जिसमें उन्होंने ट्विटर के द्वारा भारत के मानचित्र से जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख को बाहर दिखाए जाने का जिक्र किया है. पुलिस को दी गई तहरीर में उन्होंने कहा कि इस कृत्य से जनमानस की भावनाएं आहत हुई हैं. उन्होंने इसके खिलाफ ट्विटर के प्रबंध निदेशक मनीष माहेश्वरी व इंडिया हेड अमृता त्रिपाठी के खिलाफ नक्शे में छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है. प्रवीण भाटी उत्तर प्रदेश बजरंग दल के सह संयोजक भी हैं. उन पर भादंसं की धारा 505 (2) के तहत मामला दर्ज हुआ है.

धारा 505 (2) ‘‘विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता, नफरत पैदा करने या बढ़ाने के उद्देश्य से बयान देने’’ से जुड़ा हुआ है. प्राथमिकी के मुताबिक सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 74 (फर्जी उद्देश्यों के लिए प्रकाशन) भी इस मामले में जोड़ी गई है. मानचित्र में केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और जम्मू-कश्मीर को भारत से बाहर दिखाया गया है. मध्य प्रदेश में भी गलत नक्शा को लेकर ट्विटर पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा मंगलवार को निर्देश दिए जाने के कुछ ही घंटों बाद यहां पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ में ट्विटर पर भारत के नक्शे के साथ छेड़छाड़ कर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग देश दिखाने के मामले में कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी मनीष माहेश्वरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. साइबर प्रकोष्ठ के पुलिस अधीक्षक गुरकरण सिंह ने बताया, ‘‘ट्विटर पर भारत के नक्शे के साथ छेड़छाड़ के मामले में शिकायत मिलने के बाद ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक मनीष माहेश्वरी के खिलाफ भादंसं की धारा 505 (2) के तहत यहां आज साइबर प्रकोष्ठ में प्राथमिकी दर्ज की गई है.’’ यह भी पढ़ें : Gujarat GSEB SSC Result 2021 Released: गुजरात बोर्ड कक्षा दसवीं के रिजल्ट gseb.org पर घोषित, ऐसे करें चेक

उन्होंने कहा कि दुर्गेश केसवानी की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया है. केसवानी मध्य प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता हैं.

इस बीच, दिल्ली पुलिस ने भी ट्विटर पर बच्चों से संबंधित अश्लील सामग्री परोसने की अनुमति देने के आरोप में ‘माइक्रोब्लॉगिंग’ वेबसाइट के विरुद्ध एक प्राथमिकी दर्ज की है. अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की ओर से एक शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि भारतीय दंड संहिता, यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा कानून (पॉक्सो) और सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. इससे पहले, आयोग की ओर से पुलिस उपायुक्त (साइबर प्रकोष्ठ) अन्येष रॉय से पूछा गया था कि 29 मई को दिल्ली पुलिस को लिखे गए पत्र के अनुसार ट्विटर के विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं की गई. पत्र में आयोग ने दिल्ली पुलिस से ट्विटर के विरुद्ध मामला दर्ज करने को कहा था. हाल में आयोग द्वारा की गई जांच में पाया गया था कि बच्चों के यौन शोषण से संबंधित सामग्री ट्विटर पर आसानी से उपलब्ध है, इसके आधार पर मामला दर्ज करने को कहा गया था.

दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी चिन्मय बिस्वाल ने कहा, ‘‘ट्विटर पर बच्चों के यौन शोषण से संबंधित सामग्री (लिंक और अकाउंट) पाए जाने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से प्राप्त शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए भादसं, सूचना प्रौद्योगिकी कानून और पॉक्सो कानून के तहत साइबर प्रकोष्ठ ने एक प्राथमिकी दर्ज की है और जांच चल रही है.’’ पुलिस ने कहा कि शिकायत ट्विटर इंक और ट्विटर कम्युनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के विरुद्ध थी. ट्विटर के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्विटर के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी बाल यौन उत्पीड़न के मामलों में बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाती है और कंपनी का नाबालिगों के यौन शोषण के मामलों से मुकाबला करने को लेकर एक सक्रिय दृष्टिकोण है. गौरतलब है कि माइक्रोब्लॉगिंग मंच ने भारत में मध्यस्थ का दर्जा खो दिया है जिसके बाद उपयोगकर्ताओं द्वारा किसी भी गैर कानूनी पोस्ट के लिए वह जिम्मेदार है. यह भी पढ़ें : Jharkhand Bus Accident: धनबाद में भीषण सड़क हादसा, बिहार से बंगाल जा रही बस ट्रक से टकराई, 40 से ज्यादा यात्री जख्मी

इस बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने गाजियाबाद में एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति के साथ मारपीट से जुड़े मामले की जांच के सिलसिले में ट्विटर इंडिया के प्रमुख मनीष माहेश्वरी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है. उच्च न्यायालय ने 24 जून को माहेश्वरी को राहत देते हुए गाजियाबाद पुलिस को उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने को कहा था और यह भी कहा था कि उनसे डिजिटल तरीके से पूछताछ की जा सकती है. गाजियाबाद पुलिस ने माहेश्वरी को समन जारी किया था. सूत्रों ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए विशेष अनुमति याचिका दाखिल की है और कहा कि जांच के अधिकार को बाधित किया गया है.

बेंगलुरू में रहने वाले ट्विटर इंडिया के प्रबंध निदेशक को गाजियाबाद पुलिस ने 21 जून को नोटिस जारी कर बृहस्पतिवार सुबह 10:30 बजे लोनी बॉर्डर थाने में रिपोर्ट करने तथा मामले में अपना बयान दर्ज कराने को कहा था.

गाजियाबाद पुलिस ने 15 जून को ट्विटर इंक, ट्विटर कम्युनिकेशन्स इंडिया, समाचार पोर्टल द वायर, पत्रकारों मुहम्मद जुबैर और राणा अय्यूब के साथ ही कांग्रेस नेताओं सलमान निजामी, मसकूर उस्मानी, शमा मोहम्मद तथा लेखिका सबा नकवी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. उन पर मारपीट का शिकार हुए बुजुर्ग व्यक्ति के वीडियो को सांप्रदायिक अशांति फैलाने के मकसद से प्रसारित करने के सिलसिले में मामला दर्ज किया गया. सोशल मीडिया पर 14 जून को आए वीडियो क्लीप में बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति अब्दुल शमद सैफी ने आरोप लगाया कि कुछ युवकों ने उनकी पिटाई की और उनसे ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए कहा. पुलिस ने घटना में सांप्रदायिक कोण होने से इंकार करते हुए दावा किया कि सामाजिक अशांति फैलाने के लिए वीडियो साझा किया गया. ट्विटर शुक्रवार को एक बार फिर आलोचनाओं के घेरे में आया जब उसने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद का अकाउंट कुछ समय के लिए अमेरिकी कॉपीराइट कानून का कथित तौर पर उल्लंघन करने के लिए ब्लॉक कर दिया. संसद की एक समिति ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर के ट्विटर अकाउंट अस्थायी रूप से बंद किए जाने के मामले में इस माइक्रो-ब्लॉगिंग इकाई से दो दिनों के भीतर जवाब तलब किया है. सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.