
हाल ही में टेस्ला ने भारत में अपने स्टाफ की भर्ती शुरू की, जिससे संकेत मिलता है कि कंपनी भारतीय बाजार में प्रवेश की योजना बना रही है. लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे 'बहुत अनुचित' बताया है. ट्रंप ने यह बयान फॉक्स न्यूज के शॉन हैनिटी के साथ एक संयुक्त साक्षात्कार में दिया, जिसमें टेस्ला के सीईओ एलन मस्क भी मौजूद थे.
भारत में कार आयात शुल्क और ट्रंप की चिंता
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान भारत में कारों पर लगने वाले उच्च शुल्क का मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) पर करीब 100 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया जाता है, जिससे टाटा मोटर्स जैसी स्थानीय कंपनियों को सुरक्षा मिलती है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत में विदेशी कंपनियों के लिए कार बेचना लगभग "असंभव" है.
भारत की नई EV नीति और टेस्ला की रणनीति
मार्च 2024 में भारत सरकार ने एक नई EV नीति लागू की है, जिसके तहत यदि कोई वाहन निर्माता कम से कम 500 मिलियन डॉलर का निवेश करता है और एक कारखाना स्थापित करता है, तो उसका आयात शुल्क घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया जाएगा.
टेस्ला के भारत में प्रवेश को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं. सूत्रों के अनुसार, कंपनी अप्रैल 2025 तक भारतीय बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकती है. इसके लिए दिल्ली और मुंबई में दो शोरूम की संभावित लोकेशन भी चुनी गई है, साथ ही 13 नए पदों के लिए भर्तियां भी निकाली गई हैं.
ट्रंप का 'प्रतिस्थानी शुल्क' (Reciprocal Tariff) का प्रस्ताव
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगर एलन मस्क भारत में टेस्ला का कारखाना लगाते हैं, तो यह अमेरिका के लिए 'अनुचित' होगा. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अमेरिका उन सभी देशों पर वही कर लगाएगा, जो अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क लगाते हैं. उन्होंने कहा, "अगर मैं 25 प्रतिशत शुल्क लगाऊं तो वे कहेंगे कि यह गलत है, लेकिन अगर मैं कहूं कि जितना वे हमसे लेते हैं, उतना ही हम उनसे लेंगे, तो वे रुक जाते हैं."
क्या टेस्ला भारत में कारखाना लगाएगी?
टेस्ला लंबे समय से भारत में EV बाजार में प्रवेश करने की योजना बना रही है, लेकिन स्थानीय निवेश, नीतिगत चुनौतियों और उच्च करों के कारण अब तक कदम पीछे हटाती रही है. हालांकि, हाल ही में भारत सरकार द्वारा घोषित नीतिगत छूट से टेस्ला को भारत में कार निर्माण का अवसर मिल सकता है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी इस अवसर का लाभ उठाती है या नहीं.