ट्रंप के टैरिफ के बाद भारत-अमेरिका के बीच बातचीत तेज, राहत दे सकता है नया व्यापार समझौता
PM Modi, Donald Trump | X

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हाल ही में घोषित टैरिफ नीति ने भारतीय निर्यातकों में चिंता बढ़ा दी है. अमेरिका द्वारा आयात पर 10% के बेस टैरिफ के साथ भारत के लिए 26% का अतिरिक्त देश-विशेष शुल्क लगाने की घोषणा से घरेलू निर्यातकों को आशंका है कि उनका विदेशी कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो सकता है. हालांकि, एक राहत की खबर यह है कि भारत और अमेरिका के अधिकारी इन टैरिफों के प्रभावी होने से पहले व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में बातचीत कर रहे हैं.

CNN की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ सलाहकार ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप भारत, वियतनाम और इज़राइल के साथ व्यापार समझौतों को लेकर "सक्रिय बातचीत" कर रहे हैं.

कब लागू होंगे नए टैरिफ?

अमेरिका द्वारा घोषित 10% बेस टैरिफ आज (5 अप्रैल) से लागू हो चुका है. जबकि भारत के लिए तय 26% का फ्लैट कंट्री-स्पेसिफिक ड्यूटी अगले बुधवार, 9 अप्रैल से लागू होगी.

भारत सरकार ने कहा है कि वह 2 अप्रैल को ट्रंप द्वारा घोषित टैरिफ के प्रभावों का "गंभीरता से परीक्षण" कर रही है. वाणिज्य मंत्रालय सभी हितधारकों से फीडबैक ले रहा है और इन शुल्कों के चलते उत्पन्न होने वाले अवसरों का भी अध्ययन कर रहा है.

'लिबरेशन डे' टैक्स कहकर किया बचाव

राष्ट्रपति ट्रंप ने इन टैरिफों को 'लिबरेशन डे टैरिफ' करार देते हुए कहा कि इनका उद्देश्य अमेरिकी उद्योगों को "विदेशी दोहन" से बचाना है. उन्होंने भारत को बार-बार "सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाले देशों" में से एक कहा है. हालांकि, इस बार उन्होंने एक नरम रुख अपनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना "अच्छा मित्र" बताया और उनके बीच की मित्रता को भी रेखांकित किया.

भारत से व्यापार बढ़ाने पर जोर

व्हाइट हाउस ने कहा कि भारत की उच्च टैरिफ नीति के कारण अमेरिकी कंपनियों के लिए अपने उत्पाद भारत में बेचना महंगा पड़ता है. यदि भारत इन टैरिफों को कम करता है तो अमेरिका की निर्यात क्षमता $5.3 बिलियन सालाना तक बढ़ सकती है.

विशेषज्ञों का मानना है कि इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का $14 बिलियन और रत्न-आभूषण निर्यात का $9 बिलियन का कारोबार इस टैरिफ से प्रभावित हो सकता है. जबकि ऑटो कंपोनेंट्स और एल्युमिनियम पर पहले से लागू 25% शुल्क से इन क्षेत्रों में और अधिक नुकसान की आशंका है.

$500 बिलियन के लक्ष्य की दिशा में प्रयास

प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप के फरवरी में व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात के दौरान वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को $500 बिलियन तक ले जाने का लक्ष्य तय किया गया था. इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ट्रंप प्रशासन के साथ संवाद के जरिए समाधान निकालने की कोशिश कर रही है.

वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, भारत और अमेरिका के बीच एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय व्यापार समझौते पर तेजी से बातचीत चल रही है, जो दोनों पक्षों के लिए लाभकारी होगा. यह समझौता आपूर्ति श्रृंखला एकीकरण को गहरा करने सहित कई विषयों को कवर करेगा.

भारत सरकार ने बताया कि उसके अधिकारी अमेरिकी प्रशासन के संपर्क में हैं और बातचीत का केंद्र बिंदु व्यापार, निवेश और तकनीक हस्तांतरण को बढ़ाना है.