नई दिल्ली. पिछले आठ दिन से जारी ट्रकों की बेमियाद हड़ताल शुक्रवार की शाम समाप्त हो गई. सूत्रों के अनुसार, ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) और केंद्रीय वित्तमंत्री पीयूष गोयल के बीच चली लंबी बैठक के बाद ट्रांसपोर्टरों ने हड़ताल वापस लेने का फैसला लिया. इससे पहले एआईएमटीसी के महासचिव नवीन गुप्ता ने दिन में आईएएनएस से बातचीत में कहा था कि सरकार से बातचीत चल रही है और सकारात्मक नतीजे आने की उम्मीद है.
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की 20 जुलाई से जारी बेमियादी हड़ताल के कारण करीब 90 लाख ट्रक सड़कों से बाहर थे. ट्रांसपोर्टर बीमा प्रीमियम में बढ़ोतरी और डीजल की महंगाई के विरोध में हड़ताल थे. इसके अलावा उनकी और भी कई मांगे थीं.
I am happy that they have called off the strike. Minsiter of Finance Piyush Goyal has been very helpful. I assure them that we will work on the things that have been decided: Union Minister Nitin Gadkari on All-India Motor Transport Congress calls off nationwide strike pic.twitter.com/nYORsQ9C6F
— ANI (@ANI) July 27, 2018
बताया जा रहा है कि इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल के कारण ट्रक मालिकों और ट्रांसपोटरों को तकरीबन 30,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
ट्रांसपोर्ट सेक्टर का देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। इसीलिए चालक सहित इस क्षेत्र में काम करने वालों के लिए हमने बीमा और स्वास्थ्य सुविधा देने की विशेष योजना बनाने का निर्णय लिया है। इन्हें प्रधानमंत्री बीमा योजना में शामिल कराने का भी हम प्रयास करेंगे।
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) July 27, 2018
ट्रांसपोटरों की हड़ताल से देशभर में कारोबार प्रभावित हुआ था, क्योंकि उपभोक्ता वस्तु समेत औद्योगिक कच्चे माल की आपूर्ति ठप पड़ गई थी. कई उद्योग संगठनों ने भी ट्रांसपोटरों और सरकार से मसले का समाधान कर हड़ताल समाप्त करने की अपील की थी.
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) प्रेसिडेंट अतुल गंतरा ने गुरुवार को कहा कि ट्रांसपोटरों की हड़ताल से रूई व कपास की आवक नहीं हो रही है, जिससे कारोबार ठप पड़ गया है. उन्होंने कहा कि कच्चे माल की आपूर्ति नहीं होने से मिलों बंद होने की स्थिति में आ गई है और कारोबारियों को भारी नुकसान हो रहा है.