देश की पहली इंजन रहित ट्रेन-18 का सफल रहा ट्रायल, मेक इन इंडिया के तहत हुआ है इसका निर्माण
मेक इन इंडिया मुहिम के तहत बनाई गई देश की पहली इंजन लेस ट्रेन 18 का ट्रायल सफल रहा है. इस ट्रायल में ट्रेन 18 ने आसानी से 115 किमी प्रति घंटे की रफ्तार को पूरा कर लिया है, जिसके बाद अब इस ट्रेन का 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाकर परीक्षण किया जाएगा.
लखनऊ: मेक इन इंडिया (Make in India) मुहिम के तहत बनाई गई देश की पहली इंजन लेस (Engine less Train) ट्रेन 18 (Train 18) का मुरादाबाद डिविजन में ट्रायल सफल रहा है. इस ट्रायल में ट्रेन 18 ने आसानी से 115 किमी प्रति घंटे की रफ्तार को पूरा कर लिया है, जिसके बाद अब इस ट्रेन का 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाकर परीक्षण किया जाएगा. बता दें कि हाल ही में भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने देश की पहली बिना इंजन वाली लंबी दूरी की रेलगाड़ी ट्रेन 18 के ट्रायल का ऐलान किया था. जिसके बाद इस ट्रेन ने अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन आरडीएसओ के पहले चरण का ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है.
जानकारी है कि मुरादाबाद डिविजन में 115 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रायल संपन्न किए जाने के बाद अब ट्रेन 18 को कोटा डिविजन में परीक्षण के लिए भेजा जाएगा, जहां 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से इस ट्रेन को दौड़ाकर ट्रायल लिया जाएगा. बता दें कि इस ट्रेन के ट्रायल के लिए दिल्ली-मुंबई राजधानी एक्सप्रेस के रूट का चुनाव किया गया है.
दरअसल, ट्रेन 18 भारत की पहली ऐसी इंजन रहित ट्रेन है जिसका निर्माण मेक इन इंडिया मुहिम के तहत चेन्नई की इंडियन कोच फैक्ट्री में किया गया है. इसे भारतीय रेलवे की प्रीमियम ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस के इको फ्रेंडली विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है.
हालांकि इस सफल ट्रायल के बाद जब यह ट्रेन कोटा डिविजन में 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार को पार करने में कामयाब होगी और इसका जरूरी परीक्षण पूरा हो जाएगा, तब जाकर रेलवे सुरक्षा आयोग इसे हरी झंडी दिखाएगा और इसे आम यात्रियों के लिए चलाया जाएगा. यह भी पढ़ें: कृपया ध्यान दें: Paytm पर ऐसे चेक करें अपने ट्रेन का लाइव स्टेटस और PNR नंबर
बताया जा रहा है कि ट्रेन 18 के निर्माण में कुल 100 करोड़ की लागत आई है. यह ट्रेन पूरी तरह से वातानुकूलित चेयर कार ट्रेन है. तेजी से घटने और बढ़ने वाली रफ्तार ही इस ट्रेन की मुख्य विशेषता है, क्योंकि इसे किसी आम ट्रेन की तरह रिवर्स करके लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है. गौरतलब है कि ट्रेन 18 के इस सफल ट्रायल के बाद अब यात्रियों को भी देश की इस पहली इंजन रहित ट्रेन में सफर करने का बेसब्री से इंतजार है.