
Tiger Kills Priest in Ranthambore: राजस्थान के प्रसिद्ध रणथंभौर किले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां सोमवार सुबह एक बाघ ने 60 वर्षीय पुजारी राधेश्याम सैनी पर हमला कर उन्हें मार डाला. यह घटना पिछले दो महीने में तीसरी बार है, जब इस इलाके में बाघ ने किसी इंसान को मारा है. इसके चलते स्थानीय लोगों में भारी गुस्सा है. जानकारी के अनुसार, राधेश्याम सैनी शेरपुर गांव के रहने वाले थे और पिछले 20 सालों से रंथंभौर किले स्थित जैन मंदिर में सेवा कर रहे थे. हर दिन की तरह वह सुबह अपने नियमित कार्य के लिए मंदिर जा रहे थे, तभी अचानक एक बाघ ने उन पर हमला कर दिया.
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने मौके पर पहुंचकर देखा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.
रणथंभौर में बाघ हुए खूंखार
सवाई माधोपुर के रणथंभौर नेशनल पार्क में टाइगर के हमले में व्यक्ति की मौत के मामले में गुस्साए लोगों ने रणथंभोर रोड़ को जाम लगाने की कोशिश पुलिस ने किया बल प्रयोग#ranthambore #sawaimadhopur #RajasthanNews pic.twitter.com/hiNfB5mrmW
— Mukut Marmat (@MukutMarmat) June 9, 2025
3 महीने में 3 लोगों का शिकार
बाघ के हमले से एक ओर घटना हुईं,
1 महीने में तीन, आज एक और इस टाइगर ने किया हमला, बताया जा रहा है डाला गणेश जी महाराज के पुजारी??#sawaimadhopur #ranthambore pic.twitter.com/kZnJAgIwsi
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घटना के बाद गुस्साए ग्रामीण
इस घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने सवाई माधोपुर-कुंडेरा मार्ग पर जाम लगा दिया. लोगों का आरोप है कि वन विभाग की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ है. उन्होंने कहा कि बाघों की बढ़ती सक्रियता को देखते हुए वन विभाग ने एक दिन पहले ही चेतावनी जारी कर दी थी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.
ग्रामीणों की मांग है कि पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए और इलाके में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं.
दो महीने में यह तीसरी घटना
पिछले दो महीने में यह तीसरी ऐसी घटना है जो चिंता का विषय बन चुकी है. इससे पहले 21 अप्रैल को त्रिनेत्र गणेश मंदिर के पास एक 7 साल का बच्चा बाघिन 'कनकटी' का शिकार बन गया था. वहीं, 12 मई को जोगी महल के पास एक वन रेंजर की भी बाघ के हमले में मौत हो गई थी.
इन तीनों घटनाओं का एक बड़ा संयोग यह है कि ये रंथंभौर किले के दो किलोमीटर के दायरे में ही हुई हैं. इससे यह सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर इंसानों की सुरक्षा के लिए वन विभाग क्या कर रहा है?
क्या कहते हैं विशेषज्ञों?
वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के हमले अब एक गंभीर खतरे का संकेत हैं. कुछ विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि कुछ बाघों को स्थानांतरित किया जाए और कुछ क्षेत्रों में मानव आवाजाही पर पाबंदी लगाई जाए.