1997 से 2024 तक ऐसे खींचा गया दुबई में मंदिर निर्माण का खाका, 14 फरवरी को पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन
PM Narendra Modi (Photo Credit: ANI)

नई दिल्ली, 6 फरवरी : संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर का 14 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन करेंगे. इस मंदिर में पीएम मोदी के पहुंचने से पहले कई देशों के राजनयिक पहुंच चुके हैं, जिनकी मेजबानी की गई है. अमेरिका, जर्मनी, इजरायल, इटली, कनाडा, आयरलैंड, बहरीन, आर्मेनिया, बांग्लादेश, घाना, चाड, चिली, यूरोपीय यूनियन, फिजी, अर्जेंटीना, साइप्रस, चेक गणराज्य, डोमिनिकन गणराज्य, मिस्र, गाम्बिया के राजदूत और वरिष्ठ राजनयिक मंदिर का दौरा करने वालों में शामिल हैं.

अब आप इस हिंदू मंदिर के बारे में जानकर चौंक जाएंगे. अबू धाबी में तैयार हो रहे बीएपीएस हिंदू मंदिर में 12 पिरामिड की आकृति वाले गुंबद, 7 शिखर, 2 गुंबद, 410 स्तंभ या खंभे के साथ इस मंदिर की ऊंचाई 180 फीट, लंबाई 262 फीट और इसकी चौड़ाई 108 फीट होगी. 27 एकड़ जमीन पर फैले इस मंदिर के निर्माण में एहतियात इतना बरता गया है कि यह मंदिर हजार सालों तक ज्यों का त्यों रहेगा. इस आंकड़े से ही आप इस मंदिर की भव्यता का अंदाजा लगा सकते हैं. यह भी पढ़ें : Rahul Gandhi On India Alliance: राहुल गांधी का दावा, I.N.D.I.A गठबंधन साथ में लडे़ेगी लोकसभा चुनाव

शारजाह के रेगिस्तान की सुनहरी रेत के बीच 1997 में इस मंदिर की कल्पना की गई ताकि दो संस्कृतियां एक-दूसरे से इसके जरिए जुड़ सके. यह सपना तब से आकार लेने की कोशिश में लगा रहा. लेकिन, इसको एक कदम और आगे बढ़ने का मौका तब मिला जब 9 अगस्त 2015 को पीएम मोदी ने यह घोषणा की कि यूएई सरकार ने इस मंदिर के लिए जमीन अलॉट कर दिया है. पीएम मोदी ने इसके लिए यूएई सरकार का धन्यवाद भी किया था. 2018 में अबू धाबी के युवराज शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने बीएपीएस हिंदू मंदिर की इमारत के लिए जमीन उपहार में दिया. फिर, 20 अप्रैल 2019 को बाप्स स्वामी नारायण संस्था के महंत ने वैदिक अनुष्ठान के साथ इस मंदिर का शिलान्यास किया.

2019 में ही इस मंदिर ने मैकेनिकल प्रोजेक्ट्स ऑफ द ईयर का खिताब जीता. ऐसे में इस मंदिर के निर्माण की भव्यता के कायल तब से लोग रहे हैं. फिर भारत से लाए गए बड़े-बड़े पत्थर जिससे इसके निर्माण का काम होना था, वह शुरू हुआ. 9 नवंबर को इस मंदिर के शिलास्थापना कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और इस पूजा में शामिल हुए. इसके बाद इस मंदिर के महापीठ पूजन कार्यक्रम का भी आयोजन 27 मई 2022 को हो गया.

इस समय तक मंदिर का पहला तल बनकर तैयार हो चुका था. इसके बाद 8 सितंबर 2022 को ईश्वरचरणदास स्वामी और ब्रह्मविहारीदास स्वामी की उपस्थिति में पूरे विधि-विधान से इस मंदिर में प्रथम संगमरमर के स्तंभ को लगाया गया. फिर, मंदिर के सात शिखर, जो पूरी तरह से तैयार हो चुके थे, 20 अक्टूबर 2023 को इसकी पूजा ईश्वरचरणदास स्वामी के द्वारा की गई.

29 नवंबर 2023 को इस मंदिर के अमृत कलश और पताका को मंदिर के शिखर पर लगाया गया. इस समय तक मंदिर बनकर पूरी तरह तैयार है और पीएम नरेंद्र मोदी 14 फरवरी को अबू धाबी की धरती पर बने इस भव्य हिंदू मंदिर का उद्घाटन करेंगे, जिसकी तैयारियां जोरों पर है. वहीं, आम लोगों के दर्शन के लिए यह मंदिर 18 फरवरी से खुल जाएगा.