Madhya Pradesh: नजदीक आये चुनाव तो सियासी दलों में मची किसान हितैषी बताने की होड़
किसानों की समस्याएं किसी से छुपी नहीं है मगर सियासी दल हमेशा से अपने को किसान हितैषी बताते रहे हैं. मध्यप्रदेश में इन दिनों उपचुनाव में सियासत गर्मा रखी है तो राजनीतिक दल एक बार फिर अपने को किसान हितैषी और दूसरे को किसान विरोधी बताने में तुले हुए हैं. राज्य के तीन विधानसभा क्षेत्रों और एक लोकसभा क्षेत्र में उप चुनाव हो रहे हैं और यहां मतदान 30 अक्टूबर को होना है.
भोपाल: किसानों की समस्याएं किसी से छुपी नहीं है मगर सियासी दल हमेशा से अपने को किसान हितैषी बताते रहे हैं. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में इन दिनों उपचुनाव में सियासत गर्मा रखी है तो राजनीतिक दल एक बार फिर अपने को किसान हितैषी और दूसरे को किसान विरोधी बताने में तुले हुए हैं. राज्य के तीन विधानसभा क्षेत्रों और एक लोकसभा क्षेत्र में उपचुनाव हो रहे हैं और यहां मतदान 30 अक्टूबर को होना है. पाकिस्तान सरकार आईएमएफ की मांग पूरी करने को कृषि आय पर कर लगाने की सोच रही
जिन क्षेत्रों में चुनाव हो रहे हैं उनमें से अधिकांश इलाके ग्रामीण हैं. इसका आषय है कि यह इलाके किसान बाहुल्य है. यही कारण है कि अब किसानों को लुभाने और भरवाने की दोनों राजनीतिक दलों भाजपा और कांग्रेस द्वारा हर संभव कोशिश की जा रही है. चुनावी सभाओं का दौर जारी है. इन सभाओं में भाजपा की ओर से किसानों को हर संभव सुविधा, फसल का उचित दाम दिलाने के लिए जारी प्रयासों का ब्यौरा दिया जा रहा है तो वहीं कांग्रेस की ओर से केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 77 लाख किसानों के खातों में 1540 करोड़ रुपए सिंगल क्लिक से अंतरित की और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसानों के कल्याण और उनकी आय दोगनी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इसी के परिणामस्वरूप साल में तीन बार दो-दो हजार रूपए की तीन किस्त कुल छह हजार रूपए प्रधानमंत्री मोदी की ओर से किसानों के खाते में जारी किए जाते हैं.
इसी को आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार द्वारा चार हजार रूपए प्रतिवर्ष मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना के अंतर्गत किसानों के लिए जारी करने का निर्णय कोरोना काल में लिया गया. मुख्यमंत्री चौहान ने बिजली के बढ़ते संकट पर कहा कि पूरी दुनिया में बिजली का संकट है, पर हम सिंचाई के लिए बिजली की कमी नहीं आने देंगे. साथ ही खाद की उपलब्धता रहेगी.
खाद की ब्लैक मार्केटिंग करने वालों को सीधे जेल भेजा जाएगा. खाद की विदेशों से आपूर्ति होती है. राज्य सरकार खाद आपूर्ति के संबंध में वितरण व्यवस्था में किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो, इसके लिए लगातार निगरानी रखी जा रही है. एक तरफ जहां किसानों को हर संभव मदद का दावा कर रही है तो दूसरी ओर कांग्रेस किसानों की स्थिति और उनके सामने गहराई खाद व बिजली की समस्या केा उठा रही है.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री चौहान पर झूठी घोषणाएं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि शिवराज सरकार के 18 वर्षों में यदि किसी का विकास हुआ है तो सिर्फ़ घोषणाओं का हुआ है. कमल नाथ ने आगे कहा कि भाजपा ने हमे जो प्रदेश सौंपा था तब किसानो की आत्महत्या ,बेरोजगारी ,भ्रष्टाचार ,महिलाओं पर अत्याचार में देश में नंबर वन था. हमारी सरकार ने 27 लाख किसानो का कर्ज माफ किया था. आज किसान न्याय के लिए भटक रहा है ,उसे उसकी फसल का सही दाम नहीं मिल रहा. पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने अपने शासन काल का जिक्र करते हुए कहा कि 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली प्रदान की, किसानों को आधी दर पर बिजली दी ,सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि बढ़ाई ,किसानों का कर्ज माफ किया , एक हजार गौशालाओ का काम शुरू करवाया ,वहीं पिछड़े वर्ग के आरक्षण को बढ़ाया.