पाकिस्तान सरकार आईएमएफ की मांग पूरी करने को कृषि आय पर कर लगाने की सोच रही
किसान (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली, 24 अक्टूबर: पाकिस्तान (Pakistan) सरकार अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की मांग को पूरा करने के लिए कृषि आय पर संघीय कर लगाने पर विचार कर रही है और कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह संविधान में संशोधन के बिना संभव है. प्रस्ताव पर पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच चर्चा हो चुकी है और कानूनी संशोधन का मसौदा भी तैयार कर लिया गया है. यह भी पढ़े: Pakistan: विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा- तालिबान ने पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों के लिये अपनी धरती का इस्तेमाल नहीं करने देने का भरोसा दिया

पाकिस्तान के कर अधिकारियों ने आईएमएफ को बताया है कि चौथे टैक्स कानून संशोधन अध्यादेश में कानूनी संशोधन पेश किया जा सकता है. सूत्रों ने बताया कि समीक्षा वार्ता के दौरान आईएमएफ की एक बड़ी मांग कृषि क्षेत्र को संघीय कर के दायरे में लाने की थी. हालांकि, दोनों पक्ष आर्थिक नीतियों के लिए ज्ञापन (एमईएफपी) पर सहमत नहीं हो पाए.

संघीय कानून और न्याय मंत्री फारोग नसीम ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया, "संविधान संशोधन के बिना कृषि आय को संघीय कर के दायरे में लाया जा सकता है."रिपोर्ट में कहा गया है कि फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (एफबीआर) के अध्यक्ष और वित्त सलाहकार पहले ही कानून मंत्री के साथ इस मुद्दे को उठा चुके हैं.

हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि देश में बढ़ती राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान प्रस्ताव को मंजूरी देंगे या नहीं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 1973 के संविधान के तहत, संघीय सरकार कृषि आय पर कर नहीं लगा सकती थी, क्योंकि मामला प्रांतीय क्षेत्र में आता था. हालांकि, प्रांतीय सरकारें, समय के साथ, जमींदारों के प्रभाव के कारण इस मामले से बचती रहीं.

संघीय सरकार ने कानून मंत्रालय के परामर्श से एक समाधान खोजा है, जहां केवल 2001 के आयकर अध्यादेश में संशोधन करके कृषि आय पर संघीय आयकर लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कर अधिकारी आयकर कानून की धारा 41 में संशोधन करके कृषि आय की परिभाषा को केवल 'फसलों' से होने वाली आय तक सीमित रखने पर विचार कर रहे हैं.