UNSC Resolution On Afghanistan: बैठक के बाद बोला भारत- अफगान जमीं का इस्तेमाल किसी देश को धमकाने या आतंकियों की पनाह के लिए न हो

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि भारत ने हमेशा अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों, विशेषकर सिखों और हिंदुओं को बहुत मजबूत समर्थन प्रदान किया है.

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला (Photo: ANI)

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC)  ने अफगानिस्तान पर प्रस्ताव पारित किया. इस प्रस्ताव पर भारत की तरफ से विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, "भारत की अध्यक्षता में अफगानिस्तान को लेकर पारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव 'स्पष्ट रूप से' यह बताता है कि अफगान क्षेत्र का उपयोग किसी भी राष्ट्र को धमकाने, हमला करने, आतंकवादियों को शरण देने या प्रशिक्षित करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए, और यह भारत के लिए प्रत्यक्ष रूप से महत्वपूर्ण है." Afghanistan: अफगानिस्तान में 20 साल बाद अमेरिका की सैन्य मौजूदगी समाप्त : जो बाइडन.

दरअसल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC)  ने अफगानिस्तान पर प्रस्ताव पारित किया. परिषद के 13 सदस्य देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मत दिया. रूस, चीन अनुपस्थित रहे. विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने यूएनएससी की बैठक की अध्यक्षता की.

इस दौरान 15 देशों की परिषद ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें ''महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों सहित सभी के मानवाधिकारों को बरकरार रखने के महत्व को रेखांकित किया गया.''

इसके बाद श्रृंगला ने पत्रकारों से कहा, ''भारत ने हमेशा अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों, विशेष रूप से सिख और हिंदू अल्पसंख्यक समुदायों को एक बहुत मजबूत समर्थन प्रदान किया है.''

सरकारी सूत्रों ने कहा, भारत पिछले कुछ दिनों से इस मामले पर यूएनएससी के प्रमुख सदस्यों के साथ लगातार संपर्क में है. यह मुद्दा विदेश मंत्री की सचिव ब्लिंकन के साथ फोन पर बातचीत और अन्य सदस्यों के साथ उच्च स्तरीय आधिकारिक संपर्क का विषय था.

विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि भारत ने हमेशा अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों, विशेषकर सिखों और हिंदुओं को बहुत मजबूत समर्थन प्रदान किया है.  भारत पिछले सप्ताह दुशांबे से 78 लोगों को वापस लाया था. इनमें 25 भारतीय नागरिक जबकि कई अफगान सिख और हिंदू थे. इससे एक दिन पहले उन्हें तालिबान के नियंत्रण वाले काबुल से निकालकर ताजिक शहर ले जाया गया था.

भारत ने 16 अगस्त को अफगानिस्तान से लोगों को बाहर निकालना शुरू किया था. तब से लेकर मंगलवार तक 800 से अधिक लोगों को दिल्ली ले जाया चुका है. बीते सोमवार को भारतीय वायु सेना के एक सैन्य परिवहन विमान से सिखों के एक समूह को, उनके पवित्र ग्रंथ ‘गुरू ग्रंथ साहिब’ की तीन प्रतियों के साथ काबुल से दुशांबे ले जाया गया था. फिर उन्हें वहां से भारत ले जाया गया.

15 अगस्त को तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर नियंत्रण कर लिया था. भारत ने अमेरिका और कई अन्य मित्र देशों के साथ निकासी मिशन को अंजाम दिया.

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