टीकों के भंडारण संबंधी आंकड़े साझा करने से पहले मंजूरी लेने का मकसद दुरुपयोग रोकना है : सरकार

सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को टीकों के भंडार और भंडारण के तापमान पर ई-विन (इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलीजेंस नेटवर्क) के आंकड़े साझा करने से पहले अनुमति लेने की उसकी सलाह का मकसद विभिन्न एजेंसियों द्वारा इस सूचना का वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए दुरुपयोग किए जाने को रोकना है.

कोरोना वैक्सीन (Photo credits: PTI)

नयी दिल्ली, 10 जून : सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को टीकों के भंडार और भंडारण (Storage) के तापमान पर ई-विन (Electronic Vaccine Intelligence Network) के आंकड़े साझा करने से पहले अनुमति लेने की उसकी सलाह का मकसद विभिन्न एजेंसियों द्वारा इस सूचना का वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए दुरुपयोग किए जाने को रोकना है. स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) का यह स्पष्टीकरण मीडिया में आयी उन खबरों पर आया है जिनमें कहा गया कि केंद्र राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर उन्हें टीकों के भंडार और टीकों के भंडारण के तापमान पर इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलीजेंस नेटवर्क (ई-विन) के आंकड़े बिना मंजूरी के सार्वजनिक तौर पर साझा न करने की सलाह दे रहा है और कह रहा है कि यह ‘‘संवेदनशील सूचना है और इसका इस्तेमाल केवल इस कार्यक्रम की बेहतरी के लिए होना चाहिए.’’

मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘‘वैश्विक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) में इस्तेमाल विभिन्न टीकों के लिए, टीके के इस्तेमाल की प्रवृत्तियों से जुड़ी अहम जानकारी और ऐसे टीकों के संबंध में तापमान संबंधी आंकड़ों का इस्तेमाल बाजार में हेरफेर करने के लिए किया जा सकता है.’’ इसमें कहा गया है, ‘‘यह गौर करने वाली बात है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अब छह से अधिक वर्षों के लिए यूआईपी के तहत इस्तेमाल सभी टीकों के लिए ई-विन इलेक्ट्रॉनिक मंच का इस्तेमाल कर रहा है. भंडार और भंडारण तापमान पर संवेदनशील ई-विन आंकड़े साझा करने से पहले स्वास्थ्य मंत्रालय की मंजूरी की आवश्यकता होगी.’’ कोविड-19 टीकों के भंडार, उनकी खपत और शेष टीकों पर आंकड़े कोविन प्लेटफॉर्म पर दिखाई देते हैं और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलनों और नियमित प्रेस विज्ञप्तियों के जरिए नियमित तौर पर इसे साझा करता है. मंत्रालय ने कहा, ‘‘राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे स्वास्थ्य मंत्रालय के पत्र का उद्देश्य ऐसे संवेदनशील आंकड़ों का अनधिकृत वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल होने से रोकना है.’’ यह भी पढ़ें : Mumbai Building Collapse: मलाड हादसे में मरने वाले परिजनों को 2 लाख और घायलों को 50 हजार रुपये की मुआवजे का PMNRF की तरफ से ऐलान

उसने कहा कि भारत सरकार कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम में पारदर्शिता के लिए प्रतिबद्ध है और यही वजह है कि वह कोविन के जरिए टीकों संबंधी निगरानी के लिए रियल टाइम सूचना प्रौद्योगिक पर आधारित व्यवस्था लेकर आयी. बयान में कहा गया है कि इस कदम का मकसद आम जनता के साथ नियमित तौर पर सूचना साझा करना है. भारत सरकार इस साल 16 जनवरी से ही प्रभावी टीकाकरण के लिए राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों को समर्थन देती रही है. बयान में कहा गया है कि देश भर में कोविड-19 रोधी टीकों को समय-समय पर उपलब्ध कराने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. टीकों के भंडार के साथ ही इसकी आपूर्ति श्रृंखला बरकरार रखना भी प्राथमिकता है.

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