सरकार सान्याल समिति के सुझावों के आधार पर रेलवे संचालन के पुनर्गठन पर कर रही विचार
केंद्र भारतीय रेलवे को पेशेवर बनाने और इसे एक आत्मनिर्भर संगठन बनाने की कवायद के तहत रेल मंत्रालय के तहत काम करने वाली कंपनियों के बड़े पुनर्गठन की योजना बना रहा है.
नई दिल्ली, 19 सितम्बर: केंद्र भारतीय रेलवे को पेशेवर बनाने और इसे एक आत्मनिर्भर संगठन बनाने की कवायद के तहत रेल मंत्रालय के तहत काम करने वाली कंपनियों के बड़े पुनर्गठन की योजना बना रहा है. इस पहल के हिस्से के रूप में, रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन लिमिटेड (इरकॉन) और रोलिंग स्टॉक इकाई ब्रेथवेट एंड कंपनी लिमिटेड (बीसीएल) को रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (राइट्स) में विलय करने के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है. यह भी पढ़े: Sensex Update Today: सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से चार कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 65,464 करोड़ रुपये बढ़ा
प्रस्ताव वित्त मंत्रालय के प्रमुख आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल द्वारा एमओआर के तहत सरकारी निकायों के युक्तिकरण शीर्षक वाली एक रिपोर्ट में दी गई सिफारिशों के एक समूह का हिस्सा हैं. कैबिनेट सचिवालय द्वारा तत्काल कार्रवाई के लिए रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेज दी गई है. सान्याल ने अपनी रिपोर्ट में आरवीएनएल के इरकॉन के साथ उनके संचालन में समानता के कारण विलय की सिफारिश की है. इरकॉन एक विशिष्ट बुनियादी ढांचा निर्माण कंपनी है, जबकि आरवीएनएल रेलवे बुनियादी ढांचे की क्षमता के निर्माण और वृद्धि से संबंधित परियोजनाओं को फास्ट ट्रैक आधार पर कार्यान्वित करता है. इरकॉन और आरवीएनएल दोनों के समान व्यावसायिक कार्य हैं: रेलवे के बुनियादी ढांचे का निर्माण, जबकि इरकॉन निजी अनुबंधों के लिए बोली लगाता है और महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति रखता है. आरवीएनएल भारतीय रेलवे (आईआर) के उप-ठेकेदार के रूप में कार्य करता है.
दूसरी ओर,सान्याल ने सिफारिश की है कि राइट्स बीसीएल का अधिग्रहण करे क्योंकि दोनों रोलिंग स्टॉक के निर्माण और निर्यात में हैं और बीसीएल पिछले दो वर्षों से लाभदायक होने के साथ, दोनों संस्थाओं के सहक्रियात्मक संचालन राइट्स को अपने वैश्विक पदचिह्न् का विस्तार करने के लिए आवश्यक पैमाना देंगे. राइट्स पहले से ही चल स्टॉक का निर्यात कर रहा है और परामर्श सेवाएं प्रदान कर रहा है. आईआर का पुनर्गठन तीन अलग-अलग संगठनों के एक समूह के माध्यम से संचालित किए जा रहे अपने आईटी संचालन को भी देखेगा. इनमें इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉपोर्रेशन (आईआरसीटीसी), रेलटेल कॉपोर्रेशन और सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम (क्रिस) शामिल हैं. आईआरसीटीसी को अपना सारा काम सौंपने के बाद क्रिस को बंद करने और फिर रेलटेल को आईआरसीटीसी के साथ मिलाने की सिफारिश की गई है. रेलवे के पुनर्गठन पर विवेक देबरॉय समिति (2015) ने भी रेलवे में सभी आईटी पहलों के एकीकरण की सिफारिश की थी. सान्याल समिति ने आठ अलग-अलग सुविधाओं का एक सेट होने के बजाय रोलिंग स्टॉक और इंजनों के निर्माण के लिए भारतीय रेल में एक सार्वजनिक क्षेत्र की सिफारिश की है.