
ठाणे: मुंबई से सटे ठाणे शहर में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक 20 वर्षीय युवक को 10 साल की मासूम बच्ची का अपहरण, बलात्कार और फिर बेरहमी से गला रेतकर हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के अनुसार, आरोपी ने बच्ची के शव को अपने फ्लैट के बाथरूम की खिड़की से नीचे फेंक दिया.
यह जघन्य अपराध 7 अप्रैल की रात को हुआ. आरोपी ठाणे के सम्राट नगर की एक रिहायशी इमारत के छठे माले पर रहता है. आरोपी ने कथित तौर पर पास की इमारत में रहने वाली बच्ची को खिलौने देने का लालच दिया. मासूम बच्ची उसकी बातों में आ गई और उसके फ्लैट पर चली गई. यहीं पर आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर किसी धारदार हथियार से उसका गला रेत दिया.
बाथरूम की खिड़की से फेंका शव
अपने घिनौने अपराध को छुपाने के लिए, आरोपी ने बच्ची के शव को अपने बाथरूम में ले गया और वहां खुली खिड़की से नीचे फेंक दिया. घटना की सूचना सोमवार रात 11:48 बजे ठाणे नगर निगम के आपदा प्रबंधन सेल को मिली. पुलिस की एक जांच टीम ने इमारत के हर फ्लैट की तलाशी ली और आरोपी के घर के बाथरूम की खिड़की खुली पाई, जहां से उसने कथित तौर पर बच्ची को फेंका था.
पोस्टमार्टम में दुष्कर्म की पुष्टि
पुलिस ने मंगलवार को शुरू में आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 302 (हत्या) और 201 (अपराध के सबूतों को गायब करना या अपराधी को बचाने के लिए झूठी जानकारी देना) और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. बाद में, बच्ची के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि होने के बाद, पुलिस ने आरोपी के खिलाफ बीएनएस की धारा 363 (अपहरण), 376 (बलात्कार), 376 (1) (सहमत न दे सकने वाली महिला से बलात्कार), 376 (2) (12 वर्ष से कम उम्र की महिला से बलात्कार) और 201 भी जोड़ी हैं. आरोपी मुंबई के ठाकुर्पाड़ा इलाके का रहने वाला है.
तेज आवाज और संकरे शाफ्ट में मिला शव
ठाणे नगर निगम के आपदा प्रबंधन सेल के प्रमुख यासीन तड़वी के अनुसार, बच्ची उस इमारत की निवासी नहीं थी. वह अस्पष्ट परिस्थितियों में इमारत के अंदर एक ऊर्ध्वाधर डक्ट में पड़ी मिली. कुछ महिलाओं ने एक तेज आवाज सुनी और पुलिस को सतर्क किया.
मुश्किल बचाव अभियान
मुंब्रा पुलिस स्टेशन, दमकल की टीमों, क्षेत्रीय आपदा प्रबंधन सेल और एक निजी एम्बुलेंस सहित आपातकालीन सेवाओं के कर्मी तुरंत मौके पर पहुंचे और बचाव अभियान शुरू किया. शाफ्ट की संकरी संरचना के कारण बचाव अभियान काफी चुनौतीपूर्ण था. दमकल कर्मियों ने आखिरकार बच्ची को बाहर निकाला और उसे कलवा के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.