मुंबई: थाईलैंड की एक कोर्ट ने गैंगेस्टर छोटा शकील के खासमखास मुन्ना झिंगाड को भारत प्रत्यार्पण करने को लेकर हरी झंडी दे दी है. जिसके बाद मुन्ना झिंगाडा को भारत प्रत्यार्पण किया जाएगा. थाईलैंड कोर्ट द्वारा उसकी कस्टडी भारत सरकार को दिए जाने को लेकर बड़ी जीत मानी जा रही है. मुन्ना झिंगाडा को बैकांक पुलिस ने वर्ष 2000 में छोटा राजन की हत्या करने के साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया था. जिसके बाद पाकिस्तान का कहना था कि वह पाकिस्तान का नागरिक है. इसलिए उसे पाकिस्तान सरकार को सौंपा जाए.लेकिन भारत सरकार का कहना था कि वह भारत का नागरिक है. इसलिए उसकी हिरासत भारत को दी जाए.
थाईलैंड कोर्ट में 18 साल उसके खिलाफ चली सुनवाई के बाद कोर्ट में यह साबित हो गया कि मुन्ना झिंगाडा पाकिस्तानी नागरिक नहीं बल्कि भारत का नागरिक है. इसलिए मुन्ना झिंगाडा को भारत सरकार को सौप दी जाए.
कौन है मुन्ना झिंगाडा?
बता दें कि मुन्ना झिंगाडा मुंबई के जोगेश्वरी इलाके का रहने वाला है. इस्लमाईल युसूफ कॉलेज में पढाई के दौरान किसी एक बात को लेकर एक लड़के से उसका झगड़ा हुआ था. झगड़ा इतना बढ़ गया कि उसने लडके की हत्या कर दी. हत्या के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर मुंबई के आर्थर रोड जेल में भेज दिया. जेल में उसकी मुलाक़ात छोटा शकील के एक गुर्गे से होने के बाद वह जमानत पर छुटने के बाद किसी तरह नेपाल के रास्ते पाकिस्तान पहुंच गया था. जिसके बाद वह दाऊद इब्राहिम का राईट हैंड कहे जाने वाले छोटा शकील के इशारे पर काम करने लगा. दाऊद के लिए सरदर्द बनें छोटा राजन को मारने के लिए छोटा शकील ने मुन्ना झिंगाडा को ही सुपारी दी थी.
मुन्ना झिंगाडा की हिरासत भारत सरकार को मिलने के बाद ऐसा माना जा रहा है वह छोटा शकील और मुंबई धमाकों के मास्टर माइंड दाऊद इब्राहीम को लेकर कई राज खोल सकता है. जिससे पाकिस्तान की किरकिरी हो सकती है. क्योंकि दाऊद पाकिस्तान में ही छुपा है. भारत जब भी इसके बारे में पूछता है तो पाकिस्तान का हमेशा एक ही जबाब होता है कि वह उनके देश में नही हैं.