मुंबई: महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक द्वारा शिक्षा में मुस्लिमों को आरक्षण देने की घोषणा करने के बाद भाजपा ने इस मुद्दे पर अपने पूर्व सहयोगी दल शिवसेना के रुख पर शुक्रवार को प्रश्न उठायेविधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने यह भी दावा किया कि मुस्लिमों के लिए आरक्षण असंवैधानिक है और इससे अन्य पिछड़ा वर्ग और मराठा आरक्षण प्रभावित होगा. राकांपा नेता मलिक ने विधान परिषद को बताया कि सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों में मुस्लिमों को पांच प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव दिया है और इसके लिए राज्य सरकार कानून लाएगी.
फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा, “बाबा साहेब के बनाए संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है.”उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोग सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए दिए जा रहे दस प्रतिशत आरक्षण का लाभ ले सकते हैं।उन्होंने कहा, “इसके बावजूद यह घोषणा की गई. हम शिवसेना से जानना चाहते हैं कि उसने किन मुद्दों पर आपस में समझौता कर लिया है.” यह भी पढ़े: मुंबईः ठाकरे सरकार का बड़ा ऐलान- शिक्षा में मुसलमानों को मिलेगा 5 प्रतिशत आरक्षण
फडणवीस ने कहा, “हमें जानना चाहिए कि किन मुद्दों पर शिव सेना ने समझौता कर सरकार बनाने के लिए अपनी विचारधारा का परित्याग कर दिया है।”भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि अगर मुस्लिमों को अतिरिक्त आरक्षण दिया गया तो अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिल सकेगा. गौरतलब है कि शिवसेना नेता और राज्य के शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने मलिक की घोषणा के बाद संवाददाताओं से कहा कि मुस्लिमों को आरक्षण देने पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है.