पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से पर्चा खारिज होने का मामला- सुप्रीम कोर्ट पहुंचे सेना के बर्खास्त BSF जवान तेज बहादुर यादव
पीएम मोदी व बर्खास्त बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव (Photo Credits PTI)

नई दिल्ली: पिछले साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी (PM Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से सेना के बर्खास्त बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव (Tej Bahadur Yadav) चुनाव लड़ने को लेकर पर्चा दाखिला किया था. लेकिन उनके नामांकन में गलत जानकारी देने को लेकर चुनाव आयोग ने उनका पर्चा रद्द कर दिया था. जिसके बाद उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की. लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका को खरीच कर दी थी. जिसके बाद अब वे कोर्ट के उस फैसल को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

तेज बहादुर यादव इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि चुनाव लड़ना सब का संवैधानिक अधिकार हैं. लेकिन चुनाव अधिकारियों ने उनके पर्चे को गलत ढंग से रद्द कर दिया. जिसके बाद तेज बहादुर की याचिका पर कोर्ट में  सुनवाई जरूर हुई. लेकिन कोर्ट ने यह कहते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी की. वे न तो वाराणसी के  मतदाता हैं और न ही पीएम मोदी के खिलाफ उम्मीदवार थे. इसलिए उनका चुनाव संबंधी याचिका दाखिल करने का कोई औचित्य नहीं बनता. यह भी पढ़े: लोकसभा चुनाव 2019: पीएम मोदी के खिलाफ खड़े बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव को अरविंद केजरीवाल ने दी शुभकामनाएं

तेज बहादुर यादव ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती:

बता दें पिछले साल 2019 में सम्पन्न लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर तेज बहादुर यादव निर्दलीय प्रत्याशिके रूप में  पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने को लेकर वाराणसी से चुनाव मैदान में उतरे थे. लेकिन बाद में समाजवादी पार्टी ने अपनी प्रत्याशी शालिनी यादव का टिकट काटकर उन्हें गठबंधन का उम्मीदवार बनाया था. लेकिन हलफनामे में जानकारी छुपाने का आरोप लगने के बाद उनका नामांकन रद्द कर दिया गया. जिसके बाद वे चुनाव नहीं लड़ पाए.

ज्ञात हो कि बर्खास्त बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव जननायक जनता पार्टी से पिछले साल हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव में सीएम मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था. लेकिन हार का मुंह देखना पड़ा. ये और बात है कि बीजेपी के साथ जननायक जनता पार्टी को साथ सरकार बनाने से नाराज होकर उन्होंने बाद में इस्तीफा दे दिया.