नई दिल्ली, 21 मई: साल 2023 टेक कर्मचारियों के लिए सबसे खराब साल बन गया है. अब तक बिग टेक फर्मों से स्टार्टअप्स तक लगभग 2 लाख तकनीकी कर्मचारियों को वैश्विक स्तर पर बर्खास्त कर दिया गया है. मेटा, बीटी, वोडाफोन जैसी कंपनियों और कई अन्य ने आने वाले महीनों में और अधिक कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की है. छंटनी ट्रैकिंग साइट लेऑफ डॉट एफवाई के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अब तक 695 टेक कंपनियों ने करीब 1.98 लाख कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है. यह भी पढ़ें: Indians Quit Startup Jobs: 10 में से 7 भारतीयों ने स्टार्टअप जॉब छोड़ी, बड़े कार्पोरेट कंपनियों को दे रहे हैं तरजीह
इसकी तुलना में, 2022 में 1,046 टेक कंपनियों ने 1.61 लाख से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की थी. इस साल अकेले जनवरी में, वैश्विक स्तर पर करीब 1 लाख तकनीकी कर्मचारियों ने नौकरी खो दी। छंटनी करने वालों में अमेजन, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां शामिल हैं. 2022 से इस साल मई तक लगभग 3.6 लाख तकनीकी कर्मचारी नौकरी खो चुके हैं.
कंपनियों ने इसके लिए ओवर-हायरिंग, अनिश्चित वैश्विक मैक्रोइकॉनॉमिक स्थितियां आदि को कारण बताया है. मेटा (पूर्व में फेसबुक) कथित तौर पर अगले सप्ताह नौकरी में कटौती के अपने तीसरे दौर में अधिक कर्मचारियों की छंटनी शुरू करने जा रहा है. उम्मीद है कि कंपनी इस दौर में लगभग 6,000 कर्मचारियों की छंटनी करेगी.
अमेजन इंडिया इस महीने विभिन्न विभागों से लगभग 400-500 कर्मचारियों को निकाल चुकी है. फिनटेक यूनिकॉर्न जेप्ज 420 कर्मचारियों, या अपने कार्यबल के 26 प्रतिशत की छंटनी कर रहा है. ब्रिटेन की दूरसंचार दिग्गज बीटी ग्रुप ने दशक के अंत तक 55,000 नौकरियों की कटौती करने की योजना की घोषणा की है.
वैश्विक दूरसंचार वाहक वोडाफोन ने कहा कि मुख्यालय और स्थानीय बाजारों दोनों को सरल बनाने के उद्देश्य से अगले तीन वर्षों में 11,000 नौकरियों को कम करने की योजना है. इस बीच माइक्रोसॉफ्ट ने इस साल अपने कर्मचारियों के वेतन में किसी भी बढोतरी से इनकार किया है.