चेन्नई, 13 जून : तमिलनाडु में अवादी पुलिस आयुक्तालय एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुछ चुनिंदा महिला पुलिसकर्मियों को निहत्थे युद्ध प्रशिक्षण प्रदान करेगा. इसके लिए अवाडी कमिश्नरेट के तहत महिला पुलिस की एक विशेष टीम बनाई गई है, जिसे अपराधियों को बिना किसी नुकसान के अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए निहत्थे युद्ध तकनीकों में प्रशिक्षित किया जाएगा. अवादी कमिश्नरेट के स्पेशल एक्शन ग्रुप को जूडो, ऐकिडो और जुजुत्सु में रक्षात्मक तकनीकों में प्रशिक्षित किया जाएगा - सभी मार्शल आर्ट फॉर्म है.
संदिग्धों को गिरफ्तार करते समय उनके खिलाफ आय से अधिक बल प्रयोग करने की सूचना मिलने के बाद पुलिस इसे लागू कर रही है. इस कदम के पीछे अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और आवादी पुलिस आयुक्त संदीप राय राठौर का हाथ है. अवादी पुलिस आयुक्तालय के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि, आयुक्त लाठी के इस्तेमाल के पारंपरिक तरीकों से बदलाव चाहते थे और संदिग्ध को गिरफ्तार करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक संदिग्धों को शारीरिक नुकसान पहुंचा रही थी.
आईएएनएस से बात करते हुए, आयुक्त ने कहा, "कुछ मामलों में, संदिग्धों को गिरफ्तार करने के लिए हम जो तकनीकें अपनाते हैं, वे थोड़ी पुरानी हैं और अपराधियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. इसलिए हमने ऐसी तकनीकों का उपयोग करने के बारे में सोचा जो अपराध करने वाले व्यक्तियों के लिए अधिक मानवीय और कम हानिकारक हों. " यह भी पढ़ें : चचेरी बहन की चिता में कूदकर युवक ने की खुदकुशी
इस उद्देश्य के लिए बनाई गई 25 सदस्यीय महिला टीम फिटनेस और डाइटिंग के सख्त शासन के तहत है और फिर उन्हें अब मार्शल आर्ट में प्रशिक्षित किया जा रहा है. यदि परियोजना सफल साबित होती है, तो इसे पूरे तमिलनाडु के और अधिक पुलिस थानों में लागू किया जाएगा, ताकि अभियुक्तों को हिरासत में लेते समय उन्हें कम नुकसान पहुंचाया जा सके.