पाकिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ दो साल पहले हुई सर्जिकल स्ट्राइक की आज वर्षगांठ है. सर्जिकल स्ट्राइक पाक के दहशतगर्दों के खिलाफ भारत के जवानों की शौर्य गाथा है. साल 2016 में भारतीय सेना ने बड़ी कार्रवाई के तहत पाकिस्तान की सीमा में घुसकर ताबड़तोड़ तरीके से सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था. सेना ने पाकिस्तान के लिपा में कैंप और भिंबर गली स्थित कैंप को तबाह कर दिया था. इस दौरान आतंकियों के कई लॉन्चपैड भी तबाह कर दिए गए थे.
देश के सैन्य इतिहास में इस घटना को अविस्मरणीय माना गया है, क्योंकि यह वह पहला मौका था जब किसी सरकार ने इस तरह से पाकिस्तान की बर्बरता का उसकी सीमा में घुसकर बदला लिया था. देश ने पकिस्तान को इस घटना से सबक सिखाया था कि मौका आने पर भारत किस तरह पकिस्तान के इलाके में घुसकर तबाही मचा सकता है.
सर्जिकल स्ट्राइक पर थी इन दिग्गजों की नजर
सर्जिकल स्ट्राइक 28 सितंबर की रात साढ़े बारह बजे शुरू की गई थी, जिसे साढ़े चार बजे खत्म किया गया था. सर्जिकल स्ट्राइक की पूरी रणनीति और तैयारी पर तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग और एनएसए अजित डोभाल अपनी नजर बनाए हुए थे. इस मिशन वाले दिन पर्रिकर, डोभाल और सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग को एक महत्वपूर्ण डिनर कार्यक्रम में शामिल होना था. डिनर में जाने की बजाय तीनों रात आठ बजे सीधे सेना मुख्यालय में मौजूद वॉर रूम में पहुंच गए. वहां से बैठकर पूरी रणनीति को नियंत्रित किया गया और पाकिस्तानी आतंकियों पर जोरदार हमला बोला गया.
उरी हमले का जवाब था सर्जिकल स्ट्राइक
8 सितंबर, 2016 को जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हमला किया था. इस हमले में सेना के करीब 18 जवान शहीद हुए थे. हालांकि सेना ने कुछ घंटों की मुठभेड़ में चारों आतंकियों को मार गिराया लेकिन पाकिस्तान को इस हमले का सबक सीखना बाकी था. पाकिस्तान के इस कायराना हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया गया. यह भी पढ़ें- भारतीय सेना पर है हिंदुस्तान को गर्व, आतंकियों पर मौत बनकर ऐसे टूटी थी आर्मी, सामने आया सर्जिकल स्ट्राइक का नया वीडियो
इसका बदला लेते हुए 28 सितंबर की रात को भारतीय सेना के जांबाजों ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर सात आतंकी ठिकानों को नष्ट किया.
क्या है सर्जिकल स्ट्राइक
सर्जिकल स्ट्राइक एक सुनियोजित सैन्य कारवाई होती है जिसका उद्येश्य एक निश्चित लक्ष्य पर हमला कर उसे नेस्तनाबूद करना होता है. इस कारवाई के दौरान इस बात का खास ख्याल रखा जाता है कि आसपास रहने वाले लोगों, इमारतों और गाडिय़ों को कोई नुकसान नहीं पहुंचे. इस प्रकार के ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए सरकार, खुफिया एजेंसियों और सुरक्षा बलों के बीच समन्वय की आवश्यकता होती है. यह एक त्वरित और प्रभावी कारवाई होती है और इस घटना के बाद किसी भी स्थिति से निबटने के लिए अतिरिक्त सैन्य सहायता को भी तैयार रखा जाता है.
कैसे हुई सर्जिकल स्ट्राइक
यह ऑपरेशन 28 सितंबर देर रात 12.30 बजे शुरू हुआ. इस मिशन के लिए सेना के स्पेशल कमांडोज को चुना गया था. MI-17 हेलीकाप्टरों के जरिए एलओसी पर 150 कमांडो को उतारा गया. जिसके बाद वे पाक अधिकृत कश्मीर (POK) के 3 किलोमीटर अंदर तक घुस गए. सेना ने भींबर, लिपा, केल और हॉटस्प्रिंग सेक्टरों में ऑपरेशन को अंजाम दिया. यह भी पढ़ें- सर्जिकल स्ट्राइक डे: केंद्र ने समाचार चैनल्स और रेडियो स्टेशनों पर विशेष कार्यक्रम चलाने की दी सलाह
भारत के जाबांज सैनिकों ने ऑपरेशन में पाक आतंकियों के सात कैंप तबाह किए साथ ही सेना ने 38 आतंकी और दो पाकिस्तानी जवानों को भी ढेर किया. ऑपरेशन में सभी भारतीय कमांडोज सुरक्षित वापस लौटे. सुबह 4.30 बजे भारतीय सेना के वापसी के साथ यह ऑपरेशन खत्म हुआ.
10 दिन पहले तैयार की गई थी सर्जिकल स्ट्राइक की रूपरेखा
पकिस्तान को उसकी नापाक कायराना हरकत का सबक सिखाने के लिए भारत ने पूर्ण धैर्य और सटीकता से सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था. इसके लिए दस दिन पहले से खुफिया जानकारी जुटाई जा रही थी. आतंकियों के ठिकानों पर निगरानी रखी जा रही थी. पूर्ण तैयारी, सटीक जानकारी के साथ सेना ने इस मिशन को अंजाम दिया था. यही वजह थी कि स्ट्राइक के दौरान सेना को किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुंची और सभी जवान पूर्ण सुरक्षित भारत लौटे. यह भी पढ़ें- यूजीसी ने लिखा पत्र, 29 सितंबर को देशभर के कॉलेजों में मनाएं 'सर्जिकल स्ट्राइक डे'
ऑपरेशन में किया गया था तेंदुए के यूरिन का उपयोग
सेना ने बड़ी ही गोपनीयता से इस बड़े मिशन को अंजाम दिया था. पूर्व नगरोटा कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राजेंद्र निंबोरकर ने बताया था कि रणनीति बनाते वक्त हमको पता था कि रास्ते के गांवों से निकलते वक्त कुत्ते भौंकना शुरू कर सकते हैं और जवानों पर हमला कर सकते हैं. इससे निपटने के लिए हमारी टुकड़ियां तेंदुए का मल-मूत्र साथ लेकर गईं. उसे गांव के बाहर छिड़क दिया जाता था. जिससे सेना के जवान आसानी से सीमा पार कर सके.
दरअसल पाकिस्तान की सीमा में 15 किलोमीटर अंदर जाने के बाद भारतीय सेना ने तेंदुए के मल-मूत्र का इस्तेमाल किया था, ताकि कुत्तों को शांत रखा जा सके. उन्होंने बताया कि सीमा पर आसपास के जंगलों में हमने देखा है कि तेंदुए अक्सर कुत्तों पर हमला करते हैं और इन हमलों से खुद को बचाने के लिए कुत्ते रात को बस्ती में ही रहते हैं.
सेना प्रमुख ने कही दोबारा सर्जिकल स्ट्राइक की बात
अभी कुछ दिन पहले भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत ने पाकिस्तानी सेना और आतंकवादियो को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तान सरकार ISI और सेना दोनों उनके अधीन नहीं आती हैं तब तक आतंकवाद पर लगाम नहीं लगेगी. इसके साथ ही उन्होंने दोबारा आतंकवादियो के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक करने की बात भी कही. यह भी पढ़ें- पाकिस्तान में घुसकर दुश्मनों को मार गिराने वाला सेना का वीर जवान हुआ शहीद, सर्जिकल स्ट्राइक का थे हिस्सा
भारतीय सेना ने जारी किया सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो
भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक का एक वीडियो जारी किया है. इस वीडियो में आप देख सकते हैं कैसे भारतीय सेना पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों समूहों पर बमबारी करते हुए उनके लांचपैड को नेस्तनाबुत कर दिया. विडियो में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भारतीय सेना के शौर्य की बानगी साफ दिख रही है. वहीं पाकिस्तान लगातार पाक अधिकृत कश्मीर में हुई सर्जिकल स्ट्राइक से इंकार करता रहा है लेकिन हर समय भारतीय सेना इसका पुख्ता सबूत पेश कर उनकी बोलती बंद कर दी.
#WATCH: Visuals of Surgical strike footage of 29/9/2016 from Pakistan Occupied Kashmir (PoK) pic.twitter.com/5MyCeT7Gme
— ANI (@ANI) September 27, 2018
#WATCH: More visuals of Surgical strike footage of 29/9/2016 from Pakistan Occupied Kashmir (PoK) pic.twitter.com/GZSMH5Hct6
— ANI (@ANI) September 27, 2018
गौरतलब है कि इस पूरे ऑपरेशन को दो तरीकों से रिकॉर्ड किया गया था, एक तो पैराट्रूपर कमांडोज के ऊपर उड़ता UAV यानी मानव रहित विमान में लगा कैमरा और दूसरा खुद कमांडोज के हेलमेट में लगा कैमरा. यह भी पढ़ें- आर्मी चीफ बिपिन रावत ने पाकिस्तान को दी कड़ी नसीहत, कहा-आतंकवाद के साथ शांतिवार्ता संभव नहीं
सरकार मना रही है पराक्रम पर्व
भारतीय सेना की सफलता को केंद्र सरकार 'पराक्रम पर्व' के रूप में मना रही है. इस पर्व के द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक की ऐतिहासिक घटना की वर्षगांठ पर सशस्त्रबलों के बहादुरी को ससम्मान याद किया जा रहा है. वहीं सेना की इस वीरगाथा को याद कर हर भारतीय गर्व महसूस कर रहा है.