नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में पकिस्तान द्वारा भारतीय सैनिकों के साथ हुई बर्बरता से पूरे देश गुस्से में है. इस घटना ने दोनों देशों के रिश्तों में फिर से खटास ला दी है. भारत-पाकिस्तान संबंधों को लेकर भारतीय सेना प्रमुख जनरल ने सीधे तौर पर कहा कि आतंकवाद और शांतिवार्ता एक साथ नहीं हो सकती. संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच वार्ता रद्द करने के सरकार के फैसले को समर्थन दिया है. आर्मी चीफ ने कहा कि सरकार ने वार्ता रद्द करके सही फैसला किया है.
रविवार को भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि दोनों देशों के मध्य वार्ता इसलिए नहीं हो रही है क्योंकि हमारी सरकार की यह नीति है कि आतंकवाद के साथ शांति की बातें नहीं की जा सकतीं. हमने इसे लेकर पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दे दिया है. सरकार की नीति साफ है कि पहले पाकिस्तान को यह सिद्ध करना होगा कि वह आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा नहीं दे रहे हैं. यह भी पढ़ें- इमरान खान को पाकिस्तानी नेताओं ने सुनाई खरी-खरी, कहा- पहले पूरा करों अपना ‘होमवर्क’
रावत ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा यह कहता है कि वह अपनी जमीन पर किसी भी देश के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को प्रोत्साहन नहीं देता है. लेकिन, साफ दिख रहा है कि वहां आतंकी गतिविधियां भी हो रही हैं और बॉर्डर पार से आतंकी भी आ रहे हैं. आर्मी चीफ ने कहा मुझे सरकार का यह फैसला सही लगा क्योंकि आंतकवाद के साथ शांतिवार्ता का कोई परिणाम नहीं निकलेगा.
#WATCH: Army Chief General Bipin Rawat says on Indo-Pak talks, "I think the government has taken the right decision that terrorism & peace talks cannot be held together" pic.twitter.com/suqdt0xIXD
— ANI (@ANI) September 23, 2018
बता दें कि पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था कि वह दोनों देशों के संबंध बेहतर बनाना चाहते हैं. उन्होंने दोनों देशों के विदेश मंत्रियों को मुलाकात करने के लिए भी कहा था. भारतीय सरकार ने इमरान के प्रस्ताव पर हामी भरते हुए न्यूयॉर्क में होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके पाक समकक्ष शाम महमूद कुरैशी के बीच बैठक को लेकर अनुमति दी थी. यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर: पुलवामा में 1 आतंकी ढेर, सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच एनकाउंटर जारी
लेकिन इसके बाद जम्मू कश्मीर में तीन पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद भारत सरकार ने इस बैठक को रद्द कर दिया था. भारत के इस फैसले के बाद पकिस्तान आग-बबूला हो गया था. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत सरकार पर कई सवाल भी उठाए थे.