इस्लामाबाद: भारत के साथ वार्ता रद्द होने पर पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान को देश की प्रमुख विपक्षी पार्टियों ने जमकर कोसा है. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने इमरान द्वारा भारत के साथ संबंध सुधारने के लिए हाल ही में लिए गए फैसले को जल्दबाजी वाला फैसला बताया है. विपक्षी दलों के मुताबिक इससे पाकिस्तान की गरिमा कम हुई है. दोनों ही दलों ने इमरान पर कई सवाल उठाये और उन्हें मौजूदा राजनयिक संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया है.
गौरतलब है कि भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया था. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी को खत भेजकर बातचीत की पेशकश की गई थी. यह भी अनुरोध किया गया था कि वार्षिक उच्चस्तरीय संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की बैठक से इतर न्यूयार्क में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों को मिलना चाहिए.
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इसके बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि दोनों देशों के विदेश मंत्री मिलेंगे, पर बाद में भारत ने जम्मू कश्मीर में तीन पुलिसकर्मियों की बर्बर हत्या और पाकिस्तान द्वारा कश्मीरी आतंकवादी बुरहान वानी पर डाक टिकटें जारी करने का हवाला देते हुए बैठक करने से मना कर दिया.
Disappointed at the arrogant & negative response by India to my call for resumption of the peace dialogue. However, all my life I have come across small men occupying big offices who do not have the vision to see the larger picture.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) September 22, 2018
प्रमुख पाकिस्तानी न्यूज़पेपर ‘डॉन’ की खबर के मुताबिक, पीएमएल-एन और पीपीपी ने बैठक आयोजित करने से भारत के इनकार के बाद ताजा राजनयिक संकट के लिए इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
पूर्व विदेश मंत्री और पीएमएल-एन के सांसद ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने खान की निंदा की और कहा,‘‘ पाकिस्तान आतंकवाद पर चर्चा के लिए तैयार है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि पहले दिन से ही सरकार ‘‘तैयार नहीं’’ थी.
आसिफ ने कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को सामान्य किये जाने के खिलाफ नहीं हैं लेकिन पाकिस्तान की ‘‘गरिमा को बनाये रखा जाना चाहिए.’’
पीपीपी के उपाध्यक्ष शेरी रहमान ने कहा कि इमरान खान सरकार को बैठक करने के लिए भारत का रूख करने से पहले अपना ‘होमवर्क’ पूरा करना चाहिए था.
भारत की ओर बातचीत का प्रस्ताव खारिज करने के बाद शनिवार को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. बौखलाए इमरान खान ने भारत पर जुबानी हमला किया और बिना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए उनपर निशाना साधा.