सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को सबरीमाला मंदिर (Sabarimala) और अन्य धार्मिक स्थानों पर महिलाओं के प्रवेश के मामले को सात सदस्यीय पीठ के पास भेज दिया है. पांच सदस्यीय पीठ ने 3:2 के बहुमत में सबरीमाला मामला बड़ी पीठ को भेजा. न्यायमूर्ति आर.एफ. नरीमन और डी.वाई. चंद्रचूड़ ने असहमति जताई, वहीं मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) और न्यायमूर्ति इंदू मल्होत्रा और न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर मामले को बड़ी पीठ के पास भेजने के पक्ष में थे.
हालांकि 28 सितंबर 2018 को दिए गए निर्णय पर कोई रोक नहीं लगी है, जिसमें 10 से 50 साल आयुवर्ग के बीच की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया था.
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इस आदेश के अनुसार, इस मुद्दे पर बड़ी पीठ का आदेश आने तक किसी भी आयुवर्ग की महिला मंदिर में प्रवेश कर सकती है. बता दें कि जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की इंट्री के पक्षधर रहे थे. दीपक मिश्रा ने कहा था कि, शारीरिक वजहों से मंदिर आने से रोकना रिवाज का जरूरी हिस्सा नहीं.